Seraikela Kharsawan News:चाकुलिया गांव में घुसा नहर का पानी‚ ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

Seraikela Kharsawan News: सरायकेला-खरसावां जिले के चिलगु पंचायत अंतर्गत चाकुलिया गांव में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब चांडिल डैम से निकलने वाली मुख्य नहर में बड़ा रिसाव हो गया। इस बहाव ने न सिर्फ खेतों को नुकसान पहुंचाया‚ बल्कि कई घरों तक पानी घुस आया। ग्रामीणों ने

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Seraikela Kharsawan News: सरायकेला-खरसावां जिले के चिलगु पंचायत अंतर्गत चाकुलिया गांव में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब चांडिल डैम से निकलने वाली मुख्य नहर में बड़ा रिसाव हो गया। इस बहाव ने न सिर्फ खेतों को नुकसान पहुंचाया‚ बल्कि कई घरों तक पानी घुस आया। ग्रामीणों ने विभागीय लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर नाराजगी जाहिर की है।

40 साल से अधूरी योजनाएं‚ 66 हजार करोड़ का खर्च बेकार?

चांडिल डैम का निर्माण सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के तहत लगभग चार दशक पहले किया गया था। इसका उद्देश्य झारखंड‚ पश्चिम बंगाल और ओडिशा को सिंचाई और जल आपूर्ति करना था। लेकिन आज तक इस परियोजना के कई हिस्से अधूरे हैं‚ जबकि रखरखाव और निर्माण कार्यों के नाम पर अब तक लगभग 66 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इतने बड़े खर्च के बावजूद आधारभूत संरचनाएं जर्जर हो चुकी हैं और नहरें सुरक्षित नहीं रहीं। गुरुवार की घटना इसी का ताज़ा उदाहरण बन गई।

पुराने पुल की लीपापोती बनी हादसे की वजह

घटना का मुख्य कारण वही पुराना क्लवर्ट पुल बना‚ जो कभी किसानों की सुविधा के लिए बनाया गया था। बाद में एक नया अंडरग्राउंड पुल निर्माण के बाद विभाग और ठेकेदारों ने पुराने पुल को हटाने के बजाय मिट्टी से ढक दिया। गुरुवार को मुख्य नहर से पानी का दबाव बढ़ा और वही पुराना ढांचा धंस गया‚ जिससे पानी तेज़ बहाव के साथ गांव की ओर बह निकला।

इस दौरान कुछ महिलाएं उसी क्षेत्र में स्नान कर रही थीं‚ जो अचानक बहाव में फंस गईं। सौभाग्यवश कोई जानहानि नहीं हुई‚ लेकिन महिलाओं को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।

खेतों में नुकसान‚ घरों में घुसा पानी

तेज़ बहाव ने खेतों की मिट्टी काट डाली और शाखा कैनाल तक धंसने लगी। गांव के कई हिस्सों में पानी घरों तक पहुंच गया‚ जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। फसलें बर्बाद होने की भी आशंका जताई जा रही है।

पूर्व मुखिया ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

चिलगु पंचायत के पूर्व मुखिया नरसिंह सरदार ने इस मामले में सीधे तौर पर विभाग और ठेकेदारों को दोषी ठहराया। उनका कहना है कि जब नया पुल बना था‚ तभी पुराने पुल को पूरी तरह हटाया जाना चाहिए था‚ लेकिन विभागीय मिलीभगत से केवल “लीपापोती” की गई। उन्होंने इस घटना को “भ्रष्टाचार का पर्दाफाश” बताया।

विभाग का दावा — स्थिति नियंत्रण में

घटना के बाद विभागीय अधिकारियों ने मुख्य नहर का जल प्रवाह रोकने का फैसला लिया। अधिकारी प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और रिसाव को बंद कर दिया गया है। हालांकि गांव वालों का कहना है कि जब तक पूरी जांच नहीं होगी‚ वे संतुष्ट नहीं होंगे।

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