Sarikeila News: सरायकेला जिले में जल संसाधनों की बेहतर जानकारी और आंकड़े जुटाने के लिए 7वें माइनर इरिगेशन सेंसस और सेकंड वाटर बॉडीज सेंसस के लिए व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस सिलसिले में सोमवार को जिले के 250 अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सरायकेला में हुआ, जिसमें सेंसेस कार्यों के लिए नियुक्त प्रखंड के जूनियर इंजीनियर, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक और अन्य पंचायत कर्मियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सेंसेस से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को अत्यधिक सावधानी और पूरी सटीकता के साथ पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार सरकार ने जल संसाधनों और सिंचाई संरचनाओं की सटीक स्थिति का आंकलन करने के लिए मोबाइल ऐप उपलब्ध कराया है, जिसका सही और व्यवस्थित उपयोग बेहद जरूरी है। इससे न केवल आंकड़े सही होंगे, बल्कि सरकार को जल प्रबंधन के निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
उपायुक्त ने आगे कहा कि इस प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद जिले में माइनर इरिगेशन और वाटर बॉडीज सेंसस का मैदानी कार्य शीघ्र ही शुरू होगा। यह कार्य क्षेत्र के जल संसाधनों की एक बेहतर और अद्यतन तस्वीर प्रस्तुत करेगा, जो भविष्य में जल संसाधनों के प्रबंधन और सिंचाई सुविधाओं के विकास में सहायक होगा।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अश्विनी कुमार भगत ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सेंसस कार्य की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जल संसाधनों के सही आंकड़े जुटाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि आने वाले समय में सिंचाई और जल संरक्षण के लिए सही नीतियां बनाई जा सकें।
इस सेंसस कार्य से क्षेत्र के जल संसाधनों की स्थिति का स्पष्ट और संपूर्ण आंकड़ा सामने आएगा, जो स्थानीय प्रशासन और सरकार को बेहतर योजनाओं के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। सेंसस का यह कार्य सरायकेला जिले के जल प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और क्षेत्र में जल संकट से निपटने के लिए बेहतर उपायों की ओर अग्रसर करेगा।


