Patna News: खेतों में चला बुलडोजर‚ किसानों का उग्र विरोध

Patna News: पटना जिले के पटना सदर प्रखंड अंतर्गत दिदारगंज थाना क्षेत्र की पूनाडीह पंचायत के खासपुर गांव में आमस–दरभंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को लेकर उस समय भारी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब प्रशासन ने किसानों के विरोध के बावजूद बलपूर्वक खेतों में काम शुरू करा दिया। मुआवज़े

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Patna News: पटना जिले के पटना सदर प्रखंड अंतर्गत दिदारगंज थाना क्षेत्र की पूनाडीह पंचायत के खासपुर गांव में आमस–दरभंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को लेकर उस समय भारी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब प्रशासन ने किसानों के विरोध के बावजूद बलपूर्वक खेतों में काम शुरू करा दिया। मुआवज़े की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से खेतों में धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने हटाते हुए निर्माण एजेंसी के लिए रास्ता साफ कराया।

किसानों को हटाने के तुरंत बाद निर्माण एजेंसी ने मौके पर करीब आठ जेसीबी मशीनें लगाकर ज़मीन समतल करने का काम शुरू कर दिया। इस दौरान विरोध कर रहे किसानों में भारी रोष देखने को मिला। स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दो से तीन किसानों को हिरासत में लेकर दिदारगंज थाना भेज दिया।

किसानों ने इस कार्रवाई को खुला अत्याचार करार दिया। उनका कहना है कि यह ज़ोर-ज़बरदस्ती पिछले तीन से चार वर्षों से लगातार की जा रही है। किसानों ने स्पष्ट किया कि वे सड़क निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि यह परियोजना भारतमाला योजना के तहत बन रही है, लेकिन वे भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार उचित मुआवज़ा चाहते हैं।

किसान देव कुमार ने कहा कि संसद द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार मुआवज़ा अधिसूचना की तिथि और MVR यानी बाज़ार मूल्य के आधार पर दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा कंडिका 26 से 30 के पालन को लेकर लगातार पत्र जारी किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारी इन निर्देशों को लागू नहीं करते। किसानों का कहना है कि पुलिस को आगे रखकर बुलडोजर चलवाया जा रहा है, क्योंकि प्रशासन जानता है कि निहत्थे किसान खून-खराबा नहीं करेंगे।

किसानों का आरोप है कि पूरे घटनाक्रम के दौरान न तो NHAI का कोई पदाधिकारी और न ही कोई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उनसे बात करने के लिए आगे आया। उनका कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के खेतों में काम शुरू किया गया और तैयार फसलें बर्बाद कर दी गईं। किसानों ने सवाल उठाया कि जब संविधान नागरिकों को अपनी बात रखने की आज़ादी देता है, तो उनकी बात क्यों नहीं सुनी जा रही।

मौके पर तैनात एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने किसानों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह आमस–दरभंगा सिक्स-लेन परियोजना का कार्य है, जो जिलाधिकारी के निर्देश पर कराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व और नेतागीरी करने वाले लोग किसानों को बहकाकर हंगामा करा रहे हैं ताकि निर्माण कार्य को बाधित किया जा सके।

एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि मुआवज़े का मामला कमिश्नर के स्तर पर विचाराधीन है और किसानों को नियमानुसार उचित मुआवज़ा दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुआवज़े की राशि ज़मीन की प्रकृति के आधार पर गठित कमेटी तय करती है, न कि विरोध या दबाव के आधार पर।

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