One Diya for Martyrs: दीपावली पर नौ सालों से मनाया जा रहा दीपोत्सव‚ देशभक्ति की नई मिसाल

One Diya for Martyrs: हजारीबाग के शहीद स्मारक परिसर में गुरुवार की देर शाम दीपों की अनगिनत ज्योतियों से पूरा स्थल आलोकित हो उठा। भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। दीपावली के अवसर पर पिछले नौ वर्षों से यहां “एक दिया शहीदों

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One Diya for Martyrs: हजारीबाग के शहीद स्मारक परिसर में गुरुवार की देर शाम दीपों की अनगिनत ज्योतियों से पूरा स्थल आलोकित हो उठा। भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। दीपावली के अवसर पर पिछले नौ वर्षों से यहां “एक दिया शहीदों के नाम” कार्यक्रम के तहत दीपोत्सव मनाया जा रहा है। सैकड़ों दीयों से सजा यह आयोजन मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूतों को समर्पित रहा।

शहीद स्मारक को दीपमालाओं से सजाया गया और उन अमर जवानों को नमन किया गया जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। जब शहीदों की याद में दीये प्रज्वलित हुए तो चारों ओर देशभक्ति और गर्व की भावना फैल गई। उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा— “शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।”

आयोजन समिति से जुड़े समाजसेवी रंजन चौधरी ने बताया कि इस दीपोत्सव का मुख्य उद्देश्य उन शहीदों को नमन करना है जिनके बलिदान से देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा, “जब हम अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं, तब हमारे जवान सरहदों पर जागते हैं। दीपावली पर हर भारतीय का यह कर्तव्य बनता है कि शहीदों की स्मृति में एक दीप जलाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे।”

उन्होंने यह भी अपील की कि देशभर में जहां भी शहीद स्मारक या स्थल हों, नागरिक उन्हें साफ-सुथरा रखें और दीपावली जैसे त्योहार पर वहां एक दीप अवश्य जलाएं।

कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय नागरिकों ने कहा कि जब शहीदों की स्मृति में ऐसे आयोजन होते हैं तो मन गर्व और श्रद्धा से भर उठता है। लोगों ने कहा कि जिस प्रकार हम अपने घरों में ईश्वर के सामने दीप जलाते हैं, उसी तरह हमें शहीद जवानों के नाम पर भी दीप जलाना चाहिए। देश सर्वोपरि है, यह भाव हर भारतीय के दिल में होना चाहिए।

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