NIT Jamshedpur: सरायकेला के आदित्यपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) जमशेदपुर में शुक्रवार को तीसरा इंडस्ट्री-अकादमिया कॉन्क्लेव 2025 भव्य रूप से शुरू हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि पद्मश्री अशोक भगत ने संस्थान के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार, आईआईटी व एनआईटी निदेशकों और उद्योग जगत के दिग्गजों की उपस्थिति में किया।
पद्मश्री अशोक भगत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तकनीकी छात्र और युवा अगर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की वैल्यू एडिशन समझाने में भूमिका निभाएं, तो आदिवासी समाज में जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति की नींव को ग्रामीण और ट्राइबल समुदाय तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने झारखंड में स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार की प्राथमिकताओं पर भी अपने विचार साझा किए।
कॉन्क्लेव के दौरान एमएसएमई-अकादमिया सहयोग, उन्नत शोध, उद्योग-उन्मुख शिक्षा और स्टार्टअप ईकोसिस्टम के विकास पर गहन पैनल चर्चाएँ हुईं। प्रमुख वक्ताओं में विजय के. सैनी, डॉ. मऊ सेन, सौमेन घोष, डॉ. अनुपम गेयन और एक्सएलआरआई के प्रो. विनायक त्रिपाठी शामिल थे। इन चर्चाओं ने उद्योग और अकादमी के बीच सहयोग को नई दिशा देने का संदेश दिया।
इस अवसर पर दो बड़ी अनुसंधान सुविधाओं का शुभारंभ भी किया गया। एमएसएमई मंत्रालय समर्थित 5 करोड़ रुपये लागत वाला टेक्नोलॉजी-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर और 20 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी की शुरुआत की गई।
कॉन्क्लेव में वीमेन्स लीडरशिप फोरम की शुरुआत भी हुई, जिसमें पद्मश्री सुधा वर्गीस ने महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और उनके प्रभावी योगदान पर जोर दिया। इस पहल से यह संदेश गया कि तकनीकी और उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है।
आईएसी-2025 ने उद्योग-अकादमी सहयोग को नई ऊंचाई देने और ग्रामीण तथा ट्राइबल क्षेत्रों में तकनीकी जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण संदेश दिया। कॉन्क्लेव ने युवा नेतृत्व, अनुसंधान और स्टार्टअप ईकोसिस्टम के विकास की दिशा में एक मजबूत मंच तैयार किया है।


