Nepal Child Rescue: पश्चिमी सिंहभूम जिले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत जिला प्रशासन और पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। नेपाल की राजधानी काठमांडू से छह और नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित रूप से चाईबासा लाया गया है। सभी बच्चों को आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इससे पहले चार बच्चों को काठमांडू से रेस्क्यू किया गया था, जबकि दो बच्चे किसी तरह वहां से भागकर चाईबासा पहुंच गए थे। इस तरह अब तक कुल 11 नाबालिग बच्चों की सुरक्षित वापसी हो चुकी है। यह कार्रवाई लगातार जारी है और अन्य बच्चों को वापस लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चाईबासा एसडीपीओ बहामन टुटी के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी टीम का गठन किया गया है। इस टीम में चाईबासा सदर के अंचलाधिकारी उपेंद्र कुमार, मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनोद कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक मिथुन कुमार और दशरथ जामुदा के साथ चाइल्ड लाइन के सदस्य मोहम्मद इमरान को शामिल किया गया है। टीम ने नेपाल में समन्वय स्थापित कर बच्चों को वापस लाने में अहम भूमिका निभाई।
जांच में सामने आया है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न प्रखंडों से शिक्षा के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए तीन दर्जन से अधिक बच्चों को नेपाल के काठमांडू स्थित नमो बुद्धा मेडिटेशन एंड एजुकेशन संस्थान भेजा गया था। इनमें मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रंगामाटी गांव के 11 बच्चे भी शामिल थे, जिन्हें बाहर भेजा गया था।
रंगामाटी गांव के एक बच्चे के पिता सालुका बोयपाई ने 9 दिसंबर को मुफ्फसिल थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में गांव के मुंडा राम जोंको और खूंटपानी प्रखंड के मटकमहातु गांव निवासी नारायण कांडेयांग को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। शिकायत दर्ज होने के बाद ही जिला प्रशासन और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नेपाल से बच्चों की वापसी सुनिश्चित की।
सदर चाईबासा थाना प्रभारी तरूण कुमार ने बताया कि बच्चों को सुरक्षित लाना प्राथमिकता थी और आगे भी इस नेटवर्क से जुड़े सभी लोगों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस पूरे ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट की गहन जांच कर रही है और मामले में आगे भी छापेमारी जारी रहेगी।


