Naxalite Surrenders: लातेहार जिले से नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे को लेकर पुलिस लगातार नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चला रही है। इसी कड़ी में पुलिस द्वारा नक्सलियों के घर-घर जाकर इश्तेहार चिपकाए जा रहे हैं, जिससे नक्सली संगठनों पर मनोवैज्ञानिक दबाव लगातार बढ़ रहा है। पुलिस की इस सख्ती का असर अब जमीन पर दिखाई देने लगा है।
नक्सल संगठन पीएलएफआई के एक लाख रुपये के इनामी दस्ता सदस्य आलोक यादव उर्फ चंदशेखर यादव ने लातेहार एसपी कुमार गौरव के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण के दौरान उसके पास से एक देशी करबाइन, चार जिंदा कारतूस और नक्सली वर्दी बरामद की गई है।
पुलिस के अनुसार आलोक यादव लातेहार, चतरा और रांची जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज कुल 35 मामलों में नामजद अभियुक्त है। वह पूर्व में जेल भी जा चुका है और जेल से बाहर आने के बाद पुनः पीएलएफआई संगठन से जुड़ गया था। इसके बाद वह लातेहार जिले में कई छोटी-बड़ी नक्सली घटनाओं को अंजाम देता रहा।
लगातार पुलिस दबिश और सरकार द्वारा लागू की गई आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर उसने आत्मसमर्पण का रास्ता चुना। एसपी कुमार गौरव ने बताया कि यह पीएलएफआई संगठन के लिए बड़ा झटका है और इससे अन्य नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लौटने का संदेश जाएगा।
एसपी ने जानकारी दी कि सरकार की नई दिशा नीति के तहत अब तक 23 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। आलोक यादव पर सरकार की ओर से एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नक्सलियों के पास दो ही रास्ते हैं—या तो आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें या फिर पुलिस से मुठभेड़ में मारे जाएं।
पुलिस ने दोहराया कि नक्सल उन्मूलन अभियान आगे भी पूरी सख्ती के साथ जारी रहेगा और जिले में शांति एवं विकास बहाल करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।


