MNREGA Name Protest: जमशेदपुर में केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा योजना का नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक विरोध तेज हो गया है। पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी ने इस प्रस्ताव को जनभावनाओं के खिलाफ बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया है।
इस मुद्दे पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष परविंदर सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र सौंपा। यह ज्ञापन उपायुक्त के माध्यम से भेजा गया, जिसमें केंद्र सरकार से मनरेगा योजना का नाम बदलने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है।
मांग पत्र में उल्लेख किया गया है कि मनरेगा केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि गरीब, मजदूर और जरूरतमंद तबके के लिए रोजगार की कानूनी गारंटी है। यह योजना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी होने के कारण देश की आम जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है। ऐसे में इसके नाम में किसी भी तरह का बदलाव जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम होगा।
कांग्रेस कमेटी ने यह भी स्पष्ट किया कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। यह योजना न केवल लाखों परिवारों को रोजगार देती है, बल्कि गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाती है। इसलिए इसके ऐतिहासिक नाम और पहचान को बनाए रखना आवश्यक है।
जिला अध्यक्ष परविंदर सिंह ने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रपति जनभावनाओं और गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनरेगा योजना का नाम यथावत रखने का निर्देश देंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीबों के अधिकारों और महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी इस ऐतिहासिक योजना की गरिमा की रक्षा के लिए आगे भी संघर्ष करती रहेगी।


