Migratory Birds Arrival: डिमना लेक, चांडिल डैम, खरकई और सुवर्णरेखा किनारे विदेशी पक्षियों की कई प्रजातियां नजर आईं‚ बर्डवॉचर्स जुटने लगे

Migratory Birds Arrival: जमशेदपुर के डिमना लेक, चांडिल डैम और आसपास की नदियों में इन दिनों प्रवासी और विदेशी पक्षियों की सुंदर प्रजातियां देखी जा रही हैं। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही इन जलाशयों और नदी किनारों पर प्रकृति प्रेमियों और बर्डवॉचर्स की भीड़ बढ़ गई है। इस सर्दी

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Migratory Birds Arrival: जमशेदपुर के डिमना लेक, चांडिल डैम और आसपास की नदियों में इन दिनों प्रवासी और विदेशी पक्षियों की सुंदर प्रजातियां देखी जा रही हैं। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही इन जलाशयों और नदी किनारों पर प्रकृति प्रेमियों और बर्डवॉचर्स की भीड़ बढ़ गई है।

इस सर्दी में एक दर्जन से अधिक विदेशी प्रजातियों के पक्षी नजर आए हैं, जो हर साल की तरह इस बार भी यूरोप, अफ्रीका, साइबेरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से लंबी दूरी तय कर जमशेदपुर पहुंचे हैं। इनमें प्रमुख प्रजातियों में यूरेशियन विगॉन, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब, रूडी शेल्डक, साइबेरियाई रूबी गला, ब्लू-फ्रंटेड रेडस्टार्ट, कॉमन कूट और गुच्छेदार बत्तख शामिल हैं।

प्रकृति प्रेमी और बर्डवॉचर्स सुबह के समय 6 बजे से ही डिमना लेक और चांडिल डैम पर पहुंचने लगते हैं। कोलकाता, रांची और पटना से भी लोग खास तौर पर इन विदेशी पक्षियों को देखने आते हैं। बर्डवॉचिंग का यह अनुभव पर्यटकों को रोमांच और नई ऊर्जा का अहसास कराता है।

प्रवासी पक्षी यहाँ फरवरी-मार्च तक ही ठहरेंगे। इसके बाद ये लंबी उड़ान भरकर अपने प्राकृतिक वास स्थानों को लौट जाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इन जलाशयों और नदी किनारों की प्राकृतिक सुंदरता और शांति इन पक्षियों के आगमन का एक मुख्य कारण है।

यदि आप भी प्रकृति और पक्षियों के शौकीन हैं, तो यह समय बर्डवॉचिंग और फोटोग्राफी के लिए आदर्श है। विदेशी पक्षियों की प्रजातियों को देखना और उनके प्राकृतिक व्यवहार का अध्ययन करना इस सर्दी का खास अनुभव बन सकता है।

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