Liquor Scam Probe: शराब घोटाले में एसीबी की FIR के आधार पर ईडी ने पीएमएलए केस दर्ज किया‚ सभी आरोपित अब ईडी की पूछताछ के दायरे में

Liquor Scam Probe: राज्य में शराब घोटाले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और अन्य आरोपितों के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई एसीबी थाना रांची में 20 मई 2025 को दर्ज

Facebook
X
WhatsApp

Liquor Scam Probe: राज्य में शराब घोटाले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और अन्य आरोपितों के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई एसीबी थाना रांची में 20 मई 2025 को दर्ज कांड संख्या 09/2025 के आधार पर की गई है। ईडी ने 28 नवंबर को इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) संख्या 10/2025 में सभी आरोपितों को शामिल करते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

एसीबी ने इसी केस में पूर्व सचिव विनय कुमार चौबे, तत्कालीन संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह और एक निजी प्लेसमेंट एजेंसी के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। गिरफ्तारी के समय विनय कुमार चौबे पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत थे। गिरफ्तारी के तुरंत बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। बाद में चार्जशीट समय पर नहीं दाखिल होने के कारण सभी आरोपित जमानत पर रिहा हो गए।

पीएमएलए केस दर्ज होने के बाद अब ईडी भी उन सभी आरोपितों से पूछताछ करेगी जिन्हें पहले एसीबी ने गिरफ्तार किया था। ईडी इसके लिए पीएमएलए कोर्ट से अनुमति मांगेगी और अनुमति मिलने के बाद आरोपितों को समन जारी किए जाएंगे।

मई 2022 में राज्य में लागू उत्पाद नीति के दौरान यह कथित शराब घोटाला हुआ था। उस समय विनय कुमार चौबे उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव के साथ-साथ झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के आयुक्त सह प्रबंध निदेशक भी थे। वहीं गजेंद्र सिंह संयुक्त आयुक्त उत्पाद के पद पर कार्यरत थे। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया का समुचित पालन नहीं किया और मनमाने तरीके से चयन की साजिश रची।

एसीबी की कार्रवाई के बाद अब ईडी की जांच जुड़ जाने से मामला और व्यापक हो गया है। एजेंसी यह पता लगाएगी कि एजेंसियों के चयन में हुई अनियमितताओं से किसे लाभ पहुंचा और इसका वित्तीय प्रवाह किन-किन तक गया। आने वाले दिनों में बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।

TAGS
digitalwithsandip.com