Kharsawan Martyrs Day: शहीद दिवस की तैयारियां तेज‚ प्रशासनिक महकमा अलर्ट मोड में

Kharsawan Martyrs Day: सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां में आगामी एक जनवरी को आयोजित होने वाले शहीद दिवस को लेकर प्रशासनिक गतिविधियां व्यापक स्तर पर तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में शनिवार को शहीद पार्क में खरसावां विधायक दशरथ गागराई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया

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Kharsawan Martyrs Day: सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां में आगामी एक जनवरी को आयोजित होने वाले शहीद दिवस को लेकर प्रशासनिक गतिविधियां व्यापक स्तर पर तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में शनिवार को शहीद पार्क में खरसावां विधायक दशरथ गागराई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत जिले के तमाम वरीय प्रशासनिक अधिकारी और शहीद स्मारक समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान एक जनवरी को आयोजित होने वाले शहीद दिवस कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपी और वीवीआईपी के शामिल होने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए। भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, चिकित्सा सुविधा, पेयजल व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं को लेकर प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

शहीद दिवस को लेकर शहीद पार्क में रंग-रोगन, साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य तेज कर दिया गया है, ताकि देश-प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन और शहीद स्मारक समिति इस वर्ष के आयोजन को ऐतिहासिक और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।

गौरतलब है कि खरसावां की धरती आज़ाद भारत के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक की साक्षी रही है। सरायकेला को उड़ीसा में विलय करने के विरोध में खरसावां के मैदान में जुटे आदिवासियों पर तत्कालीन उड़ीसा सरकार द्वारा अंधाधुंध गोलियां चलाई गई थीं। इस गोलीकांड में अनेकों आदिवासियों की जान गई थी, लेकिन आज़ादी के साढ़े सात दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उस नरसंहार में कितने लोग शहीद हुए थे। यह घटना आज भी आदिवासी समाज के इतिहास का एक गहरा और अनसुलझा घाव बनी हुई है।

:हर साल एक जनवरी को खरसावां शहीद बेदी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा ओडिशा और पश्चिम बंगाल से भी बड़ी संख्या में लोग खरसावां पहुंचते हैं। लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर नए वर्ष की शुरुआत करते हैं और शहीदों के बलिदान को नमन करते हैं।

इधर शहीद दिवस कार्यक्रम को लेकर विरोध के स्वर भी मुखर होने लगे हैं। बाइकर गर्ल के नाम से चर्चित कंचन उग्रसंडी द्वारा किए गए एक ट्वीट के बाद यह मुद्दा चर्चा में आ गया है। इसे लेकर खरसावां विधायक दशरथ गागराई और शहीद स्मारक समिति ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन इसके लिए स्थान, काल और पात्र का ध्यान रखा जाना आवश्यक है।

विधायक और शहीद स्मारक समिति ने स्पष्ट किया कि प्रशासन इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है। साथ ही समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में खरसावां पहुंचकर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करें और शहीदों के बलिदान को स्मरण करें।

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