Kenduadih Gas Crisis: कोल इंडिया चेयरमैन ने हालात को बताया गंभीर‚ अस्थायी तौर पर स्थानांतरण जरूरी

Kenduadih Gas Crisis: केंदुआडीह में जहरीली गैस का रिसाव लगातार बढ़ता जा रहा है और स्थिति धीरे-धीरे गंभीर रूप ले चुकी है। बुधवार को कोल इंडिया के अध्यक्ष सनोज कुमार झा स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे और तकनीकी टीमों से विस्तृत रिपोर्ट ली। निरीक्षण के बाद उन्होंने साफ

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Kenduadih Gas Crisis: केंदुआडीह में जहरीली गैस का रिसाव लगातार बढ़ता जा रहा है और स्थिति धीरे-धीरे गंभीर रूप ले चुकी है। बुधवार को कोल इंडिया के अध्यक्ष सनोज कुमार झा स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे और तकनीकी टीमों से विस्तृत रिपोर्ट ली। निरीक्षण के बाद उन्होंने साफ कहा कि गैस की मात्रा जानलेवा स्तर पर पहुंच चुकी है और मौजूदा हालात अपने आप नियंत्रित नहीं होंगे।

चेयरमैन झा ने बताया कि कई स्थानों पर कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर खतरनाक सीमा से ऊपर पाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थायी विस्थापन का मुद्दा नहीं है, बल्कि लोगों की जान को तत्काल खतरे से बचाने के लिए अस्थायी स्थानांतरण आवश्यक है।उन्होंने कहा कि तकनीकी समाधान और गैस निकासी की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इसे पूरा होने में समय लग सकता है।

अध्यक्ष झा ने प्रभावित परिवारों से खुद मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना। बीसीसीएल की ओर से बनाए गए अस्थायी राहत केंद्रों में रहने, भोजन और चिकित्सा की पूरी व्यवस्था की गई है। उन्होंने लोगों से बिना डर के सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की अपील की।

कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक अच्युत घटक ने बताया कि गैस रिसाव की समस्या समय के साथ और गंभीर हो सकती है। उन्होंने कहा—“समाधान में कितना समय लगेगा यह कहना मुश्किल है—10 दिन, 15 दिन या डेढ़ महीना।”उन्होंने निवासियों से आग्रह किया कि वे खतरे को समझें और स्वेच्छा से सुरक्षित क्षेत्रों में शिफ्ट हों।

बीसीसीएल के सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि पूरे मामले में व्यापक तकनीकी जांच चल रही है और देश की कई विशेषज्ञ एजेंसियां मौके पर काम कर रही हैं।उन्होंने कहा कि इस समय प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ लोगों की सुरक्षा है। स्थायी विस्थापन और पुनर्वास से जुड़े मुद्दों पर बाद में विस्तृत चर्चा की जाएगी।

अधिकारियों ने एकस्वर में कहा कि यदि गैस की मात्रा इसी तरह बढ़ती रही तो किसी भी तरह की लापरवाही बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।कुल मिलाकर, केंदुआडीह का गैस रिसाव अब सिर्फ तकनीकी चुनौती नहीं, बल्कि जनजीवन की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन चुका है।

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