Jharkhand education campaign:हर घर कॉपी‚ हर हाथ कलम अभियान का दूसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न

Jharkhand education campaign: झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री स्व. रामदास सोरेन की स्मृति में शुरू किए गए “हर घर कॉपी, हर हाथ कलम” अभियान की दूसरी कड़ी भोजपुर कॉलोनी, बारीडीह बस्ती के आंगनबाड़ी केंद्र में संपन्न हुई।कार्यक्रम में स्थानीय बच्चों और नागरिकों की भारी भागीदारी देखने को मिली, जिसमें बच्चों

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Jharkhand education campaign: झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री स्व. रामदास सोरेन की स्मृति में शुरू किए गए “हर घर कॉपी, हर हाथ कलम” अभियान की दूसरी कड़ी भोजपुर कॉलोनी, बारीडीह बस्ती के आंगनबाड़ी केंद्र में संपन्न हुई।
कार्यक्रम में स्थानीय बच्चों और नागरिकों की भारी भागीदारी देखने को मिली, जिसमें बच्चों को कॉपियाँ, पेन और अन्य शैक्षणिक सामग्री वितरित की गई।

कार्यक्रम का उद्देश्य साफ था — शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और जरूरतमंद बच्चों को बुनियादी शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध कराना। इस सामाजिक पहल को लोगों ने झारखंड में शिक्षा सुधार की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास बताया।

मुख्य अतिथि कुणाल षाड़ंगी ने दी श्रद्धांजलि, कहा – यह अभियान रामदास जी के सपनों को साकार करेगा

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और बहरगोड़ा के पूर्व विधायक श्री कुणाल षाड़ंगी उपस्थित रहे।

उन्होंने स्व. रामदास सोरेन जी को याद करते हुए कहा,

“यह अभियान एक ऐसे नेता की स्मृति में है, जिन्होंने सदैव यह सपना देखा कि झारखंड का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। हमें गर्व है कि आज उनके विचारों को धरातल पर उतारा जा रहा है।”

स्थानीय नेतृत्व और युवाओं ने दिखाई एकजुटता

इस अवसर पर सागेन पूर्ति, दलगोविंद लोहरा, विक्टर सोरेन, अरुण सिंह राजा, विष्णु प्रधान, डी. रवि, प्रहलाद लोहरा, प्रीतम हेम्ब्रम, अभय पांडे, राकेश दास, विष्णु नाग समेत कई झामुमो नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा नेता मौजूद रहे।
कार्यक्रम में अनुशासन और उत्साह का माहौल था, जो यह दर्शाता है कि शिक्षा को लेकर स्थानीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रयास हो रहे हैं।

संयोजक अंकित सिंह हुए भावुक, बोले – यह आंदोलन गांव-गांव तक जाएगा

इस अभियान के संयोजक और झामुमो युवा मोर्चा के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष अंकित सिंह ने कहा,

“स्व. रामदास सोरेन जी केवल एक जननेता नहीं, बल्कि शिक्षा के सजग प्रहरी थे। उनका सपना था कि हर बच्चे के हाथ में कलम हो, और उस सपने को साकार करना ही हमारी ज़िम्मेदारी है। यह अभियान बस्ती-बस्ती, गांव-गांव तक जाएगा और जन-आंदोलन बनेगा।”

एक अभियान, जो शिक्षा को सामाजिक अधिकार बना रहा है

इस तरह के कार्यक्रम शिक्षा को सिर्फ एक सरकारी विषय नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व बना रहे हैं। “हर घर कॉपी, हर हाथ कलम” सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि शिक्षा के अधिकार को जमीनी स्तर पर पहुंचाने का एक जनसंकल्प है

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