Jamshedpur News: जमशेदपुर में आयोजित परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी बाल उन्नयन प्रतियोगिता सह आनंद मेला इस वर्ष भी उत्साह और उमंग का जीवंत उदाहरण बन गया। शहर के लगभग सात स्कूलों से आए करीब ढाई सौ बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपनी सृजनात्मक क्षमता, सांस्कृतिक ज्ञान और अभिव्यक्ति कौशल को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। बच्चों के जोश और अभिभावकों की भारी उपस्थिति ने आयोजन स्थल को उत्सव जैसा माहौल प्रदान किया।
यह वार्षिक आयोजन बच्चों को ऐसा मंच देने के उद्देश्य से किया गया, जहाँ वे अपनी कला, विचारों और अभिव्यक्ति को स्वतंत्र रूप से प्रदर्शित कर सकें। आयोजकों के अनुसार, प्रतियोगिताओं का स्वरूप इस तरह तैयार किया जाता है कि बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े और वे सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियों के प्रति अधिक सक्रिय हों।
विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों ने रंगोली प्रतियोगिता में अपनी कला का ऐसा प्रदर्शन किया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। पारंपरिक डिजाइन से लेकर आधुनिक अवधारणा पर आधारित थीम ने रंगोली को नई पहचान दी। कई प्रतिभागियों ने प्रकृति, त्योहारों, नारी सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों को रंगों के माध्यम से सजाया, जिनकी सभी ने सराहना की।
चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों की कल्पनाशीलता साफ झलक रही थी। कई छात्रों ने प्रकृति संरक्षण, स्वच्छता अभियान, परिवार, समाज और भविष्य की दुनिया जैसे विषयों पर प्रभावशाली चित्र बनाए। रंगों के संतुलन और विचारों की गहराई ने इस खंड को अत्यंत आकर्षक बना दिया।
भाषण प्रतियोगिता में छोटे बच्चों से लेकर बड़े वर्ग तक सभी ने प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखी। शिक्षा, स्वच्छता, राष्ट्रभक्ति, प्रेरक व्यक्तित्व और सामाजिक मुद्दों पर दिए गए भाषणों में विचारों की परिपक्वता दिखाई दी। दर्शकों ने बच्चों के आत्मविश्वास और स्पष्ट उच्चारण की प्रशंसा की।
भजन प्रतियोगिता ने पूरे कार्यक्रम को आध्यात्मिक रंग प्रदान किया। बच्चों की स्वर-लहरियों और प्रस्तुति ने वातावरण को शांत और सौम्य बनाते हुए दर्शकों का मन मोह लिया। उनकी साधना और संगीत के प्रति लगन प्रतियोगिता में साफ झलक रही थी।
समापन अवसर पर आयोजकों ने सफल प्रतिभागियों की हौसला-अफजाई की और कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम ने एक बार फिर साबित किया कि शहर के बच्चों में असीम प्रतिभा और रचनात्मकता छिपी हुई है, जिसे ऐसे आयोजनों के माध्यम से सामने लाया जा सकता है।


