Jamshedpur News: झारखण्ड आंदोलन के प्रखर सेनानी एवं शहीद निर्मल महतो की 75वीं जयंती के अवसर पर जमशेदपुर में चमरिया गेस्ट हाउस स्थित उनके समाधि स्थल पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों तथा झारखण्ड आंदोलन से जुड़े साथियों ने शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा एवं समाधि पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद निर्मल महतो के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई, जिसके बाद उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वातावरण पूरी तरह श्रद्धा और सम्मान से ओत-प्रोत रहा।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि शहीद निर्मल महतो ने अलग झारखण्ड राज्य की मांग को जन-आंदोलन का स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इतिहास में अमिट स्थान बनाया। उनका संपूर्ण जीवन आदिवासी अस्मिता, जल-जंगल-जमीन की रक्षा और सामाजिक न्याय के संघर्ष को समर्पित रहा।
नेताओं और वक्ताओं ने कहा कि आज का झारखण्ड शहीद निर्मल महतो सहित हजारों आंदोलनकारियों के त्याग और बलिदान का परिणाम है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शहीदों के सपनों का झारखण्ड बनाने के लिए शिक्षा, संगठन और संघर्ष के मार्ग पर आगे बढ़ें।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में झारखण्ड की मूल समस्याओं—जैसे बेरोजगारी, विस्थापन, शिक्षा और स्वास्थ्य—पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। यही शहीद निर्मल महतो के विचारों और संघर्ष को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, छात्र-युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और झारखण्ड आंदोलन के पुराने साथी उपस्थित रहे। सभा के अंत में सभी ने एक स्वर में “शहीद निर्मल महतो अमर रहें” के नारे लगाए और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।


