Housing Board Crisis: जमशेदपुर के आदित्यपुर और गोविन्दपुर में हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए हजारों क्वार्टरों के निवासियों के लिए एक बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। 1972 से 1980 के बीच बने लगभग 1096 क्वार्टर अब पूरी तरह से खस्ता हालत में हैं, बावजूद इसके कि ये आवंटित परिवार पिछले लगभग 40 वर्षों से इनमें निवास कर रहे हैं
विभाग पिछले चार दशकों से इन क्वार्टरों का किराया वसूलने की मांग कर रहा है, जबकि निवासियों का दावा है कि मरम्मत और बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण किराया देना उचित नहीं है। विभिन्न प्रकार के फ्लैट जैसे जनता फ्लैट, इ.डब्ल्यू.यू.एस फ्लैट, एम.एफ टाईप फ्लैट और डब्लू टाईप फ्लैट मध्यवर्गीय परिवारों को आवंटित किए गए थे। अब विभाग ने एकमुश्त पांच लाख पचास हजार रुपये का भुगतान करने का नोटिस जारी कर दिया है।
क्वार्टर निवासी मुकेश ठाकुर ने कहा कि वे 40 वर्षों से इन क्वार्टरों में रह रहे हैं और विभाग ने मरम्मत या पानी-बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराईं। ऐसे में किराया वसूलना अनुचित है।
पहले के दशकों में भी निवासियों और विभाग के बीच क्वार्टरों के मालिकाना हक को लेकर समझौते हुए, लेकिन कोई अंतिम समाधान नहीं निकला। अब लोग चाहते हैं कि किराया सीमित हो, मासिक किश्तों में लिया जाए और सामान्य दर पर क्वार्टर का मालिकाना हक दिया जाए। वर्ड मेंबर गोविंदपुर, राजीव दुबे ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो निवासियों को न्यायालय का सहारा लेना पड़ सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हाउसिंग बोर्ड एकमुश्त किराया वसूलने में सफल होती है या क्वार्टर खाली करवा सकती है, या फिर क्वार्टर निवासी अपने घर को बचाने के लिए न्यायालय का रुख करेंगे।


