Hospital Lapse Probe: पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में शुक्रवार को एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला सामने आया, जब नोवामुंडी प्रखंड के बालजोडी गांव के चार वर्षीय बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद शव को गांव ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने का आरोप लगने से परिजनों में गहरा आक्रोश और शोक का माहौल बन गया।
परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत के बाद उन्होंने एंबुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से उन्हें काफी देर तक इंतजार कराया गया। बताया जा रहा है कि इस कारण परिवार को भारी मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी, जिससे अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।
मामले की जानकारी सामने आते ही झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर पूरे प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। मंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मामले की पड़ताल शुरू की गई।
इसी क्रम में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो स्वयं चाईबासा सदर अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की विस्तार से जांच-पड़ताल की। एसडीएम ने बताया कि अस्पताल की उपलब्ध एंबुलेंस उस समय मनोहरपुर प्रखंड क्षेत्र में गई हुई थी, जिसके कारण परिजनों को लगभग दो घंटे तक इंतजार करने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त को सौंपी जाएगी और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। भाजपा की पूर्व सांसद गीता कोड़ा पीड़ित परिवार के गांव बालजोडी पहुंचीं और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढ़स बंधाया। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जिला प्रशासन से दोषियों पर जल्द और सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही।
घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और आपात सेवाओं की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा हुआ है।


