Ghatshila bypoll: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। राज्य की सभी प्रमुख पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मैदान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को लेकर नया समीकरण बनता दिख रहा है, क्योंकि आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग अब खुलकर उनके समर्थन में आ गए हैं।
घाटशिला के विभिन्न इलाकों से आए आदिवासी समाज के प्रमुख लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की उपस्थिति में बीजेपी का दामन थाम लिया। इस दौरान आयोजित जनसभा में पार्टी नेताओं ने दावा किया कि इस चुनाव में घाटशिला की जनता “परिवर्तन” चाहती है।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झारखंड की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “यह सरकार आदिवासी विरोधी है, जो हमारी जमीनें छीन रही है और आवाज उठाने वालों पर लाठीचार्ज करवा रही है।”उन्होंने सवाल उठाया कि बीते छह सालों में घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में कोई ठोस विकास नहीं हुआ। गांवों में आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। चंपई ने कहा कि “एक टीचर के भरोसे जाटी झरना इलाके के दर्जनों गांवों के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि कई स्कूल बिना शिक्षक के चल रहे हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है। अगर कोई ग्रामीण बीमार पड़ता है, तो उसे खाट पर उठाकर घाटशिला अस्पताल लाना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है और आदिवासी समुदाय को झूठे वादों से ठग रही है।
इसी कार्यक्रम में देश परगाना संथाल परगना प्रमुख संन्तु टुडू ने भी हेमंत सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज अब जाग चुका है और घाटशिला की जनता इस बार परिवर्तन का फैसला करेगी।


