Farmers Protest Memo: ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन ने देशभर में कृषि योग्य भूमि की बिक्री के खिलाफ आवाज बुलंद की है। गुरुवार को संगठन की ओर से उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मांग की गई है कि किसानों की जमीन को कम दामों पर पूंजीपतियों को सौंपने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।
संगठन के सदस्यों ने कहा कि वर्तमान सरकारी नीतियाँ किसानों के हित में नहीं हैं। लगातार ऐसी परिस्थितियाँ बन रही हैं, जिनसे किसानों की जमीन धीरे-धीरे उद्योगपतियों के हाथों में चली जा रही है। इसके कारण किसानों के सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि भूमि छिन जाने का भय किसानों में तेजी से बढ़ रहा है। जिन परिवारों ने पीढ़ियों से खेती की है, वे अब अपनी जमीन खोने की आशंका में जी रहे हैं। संगठन का कहना है कि इसी मानसिक तनाव के कारण कई किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।
संगठन ने राष्ट्रपति से इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेने की अपील की है। ज्ञापन में आग्रह किया गया है कि सरकार को ऐसी नीतियाँ बनानी चाहिए जो किसानों की भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करें और कृषि भूमि को गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए बेचे जाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए।
संगठन के सदस्यों ने कहा कि यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसान आंदोलन को और तेज करने पर वे विवश होंगे। उन्होंने चेताया कि कृषि भूमि की रक्षा करना सिर्फ किसानों का नहीं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा का भी सवाल है।