Eviction Protest: सड़क चौड़ीकरण पर नहीं क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर उठे सवाल‚ प्रभावित परिवारों में बढ़ी बेचैनी

Eviction Protest: जमशेदपुर के भुइयाँडीह इलाके में हाल ही में हुए सड़क चौड़ीकरण अभियान के दौरान दर्जनों घरों को तोड़े जाने का मामला अब राजनीति के केंद्र में आ गया है। वर्षों से बसे स्थानीय परिवारों पर अचानक बुलडोज़र चलने के बाद उनके पुनर्वास को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

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Eviction Protest: जमशेदपुर के भुइयाँडीह इलाके में हाल ही में हुए सड़क चौड़ीकरण अभियान के दौरान दर्जनों घरों को तोड़े जाने का मामला अब राजनीति के केंद्र में आ गया है। वर्षों से बसे स्थानीय परिवारों पर अचानक बुलडोज़र चलने के बाद उनके पुनर्वास को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसी मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड की जिला इकाई ने सोमवार को जिला मुख्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया।

जदयू नेताओं और मौजूद लोगों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन सड़क चौड़ीकरण के खिलाफ नहीं है, बल्कि प्रशासन द्वारा अपनाई गई कार्यशैली के खिलाफ है। उनका कहना है कि भुइयाँडीह में बसे परिवारों को लंबे समय से नियमित रूप से निवासी माना जाता रहा है, ऐसे में अचानक उनके घरों को गिराने का निर्णय मानविय दृष्टिकोण से गलत है।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने न तो कोई पूर्व सूचना जारी की और न ही प्रभावित परिवारों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था की। जदयू नेताओं का कहना है कि किसी भी विकास कार्य से पहले लोगों को बेघर किए बिना, नियमों के अनुरूप पुनर्वास योजना अनिवार्य रूप से तैयार की जानी चाहिए थी।

जिला जदयू अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने प्रशासन से मांग की कि जिन परिवारों के घर तोड़े गए हैं, उनके लिए तत्काल पुनर्वास योजना लागू की जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को खुले आसमान तले छोड़ना संवैधानिक और मानविय दोनों दृष्टियों से अनुचित है। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि भविष्य के किसी भी विकास अभियान को शुरू करने से पहले प्रशासन जनहित और वैकल्पिक व्यवस्था का ध्यान रखे।

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