Encroachment Drive Fallout: जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के भुईयांडीह स्वर्णरेखा बर्निंग घाट गोलचक्कर के पास जिला प्रशासन और टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा सड़क चौड़ीकरण को लेकर चलाए गए अतिक्रमण मुक्त अभियान ने इलाके के सैकड़ों लोगों को सीधे प्रभावित किया है। बिना किसी पूर्व सूचना, माइकिंग या सीमांकन के की गई इस कार्रवाई में कई घर और दुकानें ढह गईं। अचानक हुई कार्रवाई के कारण परिवार अपना आवश्यक सामान भी नहीं निकाल पाए, जिससे ठंड के मौसम में कई लोग खुले आसमान तले रहने को मजबूर हो गए।
घटना स्थल का दौरा करने और पीड़ितों की समस्याएँ सुनने के बाद विधायक पूर्णिमा साहू शुक्रवार को सीधे रांची पहुँचीं। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की और भुईयांडीह की पूरी स्थिति विस्तार से बताई।विधायक ने कहा कि प्रशासन की अचानक हुई कार्रवाई से लोगों को न सिर्फ आवास गंवाना पड़ा बल्कि वे अपने जरूरी दस्तावेज, सामान और बच्चों की पढ़ाई सामग्री तक नहीं बचा पाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रभावित परिवारों के— तत्काल पुनर्वास— राहत सामग्री— अस्थायी आश्रय— भोजन-पानी की व्यवस्थाऔर आगे की किसी भी कार्रवाई से पहले स्पष्ट सीमांकन व पूर्व सूचना की अनिवार्यता सुनिश्चित करने की मांग की।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि वे जिला उपायुक्त से बात कर आवश्यक कदम सुनिश्चित करेंगे। इस दौरान विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं।
रांची से जमशेदपुर लौटकर विधायक पूर्णिमा साहू सीधे जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के कार्यालय पहुँचीं। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को ठंड के मौसम में “अमानवीय और जल्दबाज़ी में लिया गया निर्णय” बताया।
उन्होंने उपायुक्त से तत्काल राहत कार्य शुरू करने का आग्रह करते हुए कहा कि कई परिवार संकट में हैं और उन्हें— भोजन,— पानी,— अस्थायी शेल्टरजैसी सुविधाओं की तात्कालिक जरूरत है।
उपायुक्त ने विधायक को आश्वस्त किया कि राहत और पुनर्वास प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। उन्होंने प्रभावित परिवारों की सूची उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई तेज की जा सके।
अतिक्रमण अभियान के बाद पीड़ित परिवारों में फैले आक्रोश और असुरक्षा के बीच विधायक पूर्णिमा साहू की सक्रियता ने लोगों में उम्मीद जगाई है। राहत और पुनर्वास संबंधी आश्वासन मिलने के बाद अब प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता और ठंड से बचाव की व्यवस्थाओं की प्रतीक्षा है।


