CPI Effigy Protest: जमशेदपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने गुरुवार को केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में आयोजित किया गया, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता साकची गोलचक्कर पर एकत्र हुए, जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान माहौल पूरी तरह से राजनीतिक नारों से गूंजता रहा, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने प्रतीकात्मक रूप से सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराया।
सीपीआई नेताओं ने आरोप लगाया कि मनरेगा का नाम बदलना महात्मा गांधी के नाम और उनकी विचारधारा को खत्म करने की साजिश है। पार्टी का कहना है कि यह योजना गरीबों और मजदूरों के अधिकार से जुड़ी हुई है और इसके नाम में बदलाव करना जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है।
प्रदर्शन के दौरान पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही है और इसी राजनीतिक एजेंडे के तहत महात्मा गांधी से जुड़े नामों और प्रतीकों को कमजोर किया जा रहा है। सीपीआई नेताओं ने इसे देश की लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष परंपराओं के खिलाफ बताया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र सरकार को पूंजीपतियों की सरकार करार देते हुए कहा कि यह सरकार देश के संसाधनों को बड़े पूंजीपतियों के हाथों सौंपने का प्रयास कर रही है। पार्टी ने मांग की कि मनरेगा योजना का नाम यथावत रखा जाए और किसी भी तरह का नाम परिवर्तन तत्काल वापस लिया जाए।


