Chandil Rail Blockade: 20 सितंबर को आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा किए गए रेल टेका–डहर छेका आंदोलन के बाद रेलवे प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। सुईसा आरपीएफ पोस्ट की पोस्ट कमांडर श्यामा कुमारी ने जानकारी दी कि आंदोलन में संलिप्त नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
नेताओं पर केस दर्ज
दर्ज एफआईआर में आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो, झारखंड आंदोलनकारी नेता सुनील महतो, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के तरुण महतो, आदिवासी कुड़मी समाज के प्रभात महतो और बादल महतो समेत कई अन्य नेताओं के नाम शामिल किए गए हैं।
आंदोलन की वजह और असर
कुड़मी समाज ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा, कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और सरना धर्म कोड की मान्यता की मांग को लेकर यह आंदोलन किया था। आंदोलन के दौरान चांडिल अनुमंडल के नीमडीह थाना क्षेत्र स्थित हेसालोंग स्टेशन पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए और घंटों तक ट्रैक जाम रखा। इस वजह से ट्रेन परिचालन करीब 11 घंटे बाधित रहा, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नेताओं की मुश्किलें और बयान
रेलवे पुलिस की इस कार्रवाई के बाद आंदोलन से जुड़े नेताओं की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस बीच आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो ने कहा कि कुड़मी समाज की मांग पूरी तरह से जायज है और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “जब भी हक और अधिकार की लड़ाई होती है तो संघर्ष करना पड़ता है, त्याग और बलिदान देना पड़ता है। झारखंड राज्य आंदोलन में भी आंदोलनकारियों ने बलिदान दिया था। उसी तरह आज कुड़मी समाज लड़ाई लड़ रहा है। केस होगा, लाठी चलेगी, जेल भी जाना पड़ेगा, लेकिन हम तैयार हैं।”
आंदोलन का भविष्य
महतो ने स्पष्ट किया कि कुड़मी समाज अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर समाज अपने हक को हासिल करके रहेगा। वहीं रेलवे प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई से अब आंदोलन और नेताओं के बीच टकराव तेज होने की संभावना जताई जा रही है।