Bokaro Protest: बोकारो स्टील प्लांट निर्माण के दौरान विस्थापित हुए उत्तरी विस्थापित क्षेत्र के रैयतों ने शनिवार को बोकारो डीसी ऑफिस के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने सीआईएसएफ लाठीचार्ज में मारे गए प्रेम महतो के परिजनों को न्याय दिलाने, नियोजन की व्यवस्था करने और उनकी याद में मूर्ति लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने सहित कई मांगें उठाईं।
विधायक अरूप चटर्जी की मौजूदगी
इस धरना में निरसा से माले विधायक अरूप चटर्जी भी शामिल हुए। उन्होंने जिला प्रशासन और विशेष रूप से बोकारो डीसी की नीयत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रशासन 19 विस्थापित गांवों को पंचायत का दर्जा देने का प्रस्ताव सरकार को भेजता है, वहीं दूसरी ओर बोकारो स्टील की जमाबंदी का जिम्मा खुद उठा लेता है। विधायक ने आरोप लगाया कि डीसी की इस नीति में भ्रष्टाचार की बू आती है।
प्रेम महतो की मौत पर विवाद
धरना स्थल पर वक्ताओं ने प्रेम महतो की मौत को दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या करार दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सीआईएसएफ जवानों ने जानबूझकर डंडा फेंका, जिसकी वजह से उनकी जान गई। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच के लिए बनी एसआईटी महज औपचारिकता है और उसका गठन केवल बोकारो स्टील अधिकारियों व जवानों को बचाने के लिए किया गया है।
न्याय मिलने तक आंदोलन जारी
धरना स्थल पर लोगों ने स्पष्ट कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा। विधायक अरूप चटर्जी ने भी जिला प्रशासन पर सरकार की बजाय बोकारो स्टील प्रबंधन के हित में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जनता के प्रति जवाबदेह हैं, लेकिन निजी लाभ के लिए उद्योग के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।


