Anti-Encroachment Row: भुइयाँडीह अतिक्रमण अभियान पर बढ़ा विवाद‚ पूर्व मंत्री के बयान पर झामुमो ने जताई कड़ी आपत्ति

Anti-Encroachment Row: जमशेदपुर के भुइयाँडीह क्षेत्र में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद सियासी बयानबाज़ी लगातार तेज होती जा रही है। इस अभियान के विरोध में निकाली गई

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Anti-Encroachment Row: जमशेदपुर के भुइयाँडीह क्षेत्र में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद सियासी बयानबाज़ी लगातार तेज होती जा रही है। इस अभियान के विरोध में निकाली गई रैली में झारखंड के पूर्व मंत्री दुलाल भुइयाँ द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कथित रूप से असंवैधानिक और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किए जाने का मामला अब गर्मा गया है।

पूर्व मंत्री के बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जमकर आपत्ति जताई है। जमशेदपुर में एक संवाद के दौरान झामुमो पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रति इस तरह की भाषा का प्रयोग असहनीय है और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। नेताओं ने यह भी कहा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन किसी constitutional पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

पार्टी नेताओं ने याद दिलाया कि झामुमो ने ही दुलाल भुइयाँ को लगातार तीन बार विधायक बनाया और मंत्री पद दिया। इसके बावजूद भू-राजस्व मंत्री रहते हुए उन्होंने भुइयाँडीह समेत विभिन्न बस्तियों की समस्याओं को समाधान की दिशा में कभी गंभीरता से नहीं लिया। झामुमो ने आरोप लगाया कि आज जब प्रशासन जरूरत के अनुसार अतिक्रमण हटाने और सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया में जुटा है, तब दुलाल भुइयाँ बिना तथ्यों का आकलन किए केवल राजनीति करने में लगे हुए हैं।

नेताओं ने यह भी दावा किया कि दुलाल भुइयाँ इस समय राजनीतिक रूप से दबाव में हैं और अपना संयम खो चुके हैं, जिसका असर उनकी भाषा और बयानबाज़ी में दिख रहा है। झामुमो ने कहा कि जनता भी अब ऐसे बयानों को नकार रही है और क्षेत्र में बढ़ते तनाव के लिए केवल उकसावे वाली राजनीति जिम्मेदार है।

भुइयाँडीह क्षेत्र में अतिक्रमण हटाए जाने के बाद से स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ गया है। रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और लगातार जारी बयानबाज़ी ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है। झामुमो ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी तरह की अपमानजनक भाषा को वह बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे मामलों पर पार्टी कड़ा रुख अपनाएगी।

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