ABVP Cultural March: भगवान बिरसा की 150वीं जयंती पर अभाविप की संदेश यात्रा‚ रांची में हुआ भव्य स्वागत

ABVP Cultural March: झारखंड की राजधानी रांची में 16 नवंबर 2025 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा संचालित “भगवान बिरसा संदेश यात्रा” का भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनकी जन्मस्थली खूंटी जिले के उलिहातु से प्रारंभ हुई थी। भारतीय

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ABVP Cultural March: झारखंड की राजधानी रांची में 16 नवंबर 2025 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा संचालित “भगवान बिरसा संदेश यात्रा” का भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनकी जन्मस्थली खूंटी जिले के उलिहातु से प्रारंभ हुई थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और जनजातीय गौरव के प्रतीक बिरसा मुंडा की स्मृति में निकाली गई यह विशेष यात्रा राज्य और देश के कई हिस्सों से गुजरती हुई जन-जागरूकता और सांस्कृतिक एकात्मता का संदेश दे रही है।

यात्रा कल खूंटी, चक्रधरपुर और चाइबासा होते हुए आगे बढ़ी और आज सरायकेला तथा जमशेदपुर मार्ग के जरिए रांची पहुँची। जमशेदपुर में हुए स्वागत समारोह में अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल मुख्य अतिथि तथा प्रांत अध्यक्ष मौसमी पॉल विशिष्ट अतिथि रहीं। कार्यक्रम के दौरान यात्रा दल का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। संवाद सत्र, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी और संगोष्ठियों ने स्वागत समारोह को और भी जीवंत बना दिया।

यात्रा के सभी विराम स्थलों पर लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नुक्कड़ नाटकों, संवाद कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष, राष्ट्रभक्ति और जनजातीय चेतना को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया गया। संदेश यात्रा खूंटी, चक्रधरपुर, चाइबासा, सरायकेला, रांची, जमशेदपुर, गुमला, लोहारगड़ा, लातेहार, मोदिनीनगर, गढ़वा, दुद्धीनगर, रॉबर्ट्सगंज, वाराणसी, जौनपुर, कुशभवनपुर, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर से होकर गुजरते हुए 27 नवंबर को देहरादून के परेड ग्राउंड स्थित अभाविप के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर पहुँचेगी।

स्वागत समारोह में उपस्थित अभाविप के बिहार–झारखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा द्वारा किए गए कार्य आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके जीवनकाल में थे। उन्होंने कहा कि यह संदेश यात्रा युवा पीढ़ी के लिए संघर्ष, आत्मसम्मान और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणादायक धरोहर को समझने का अवसर है। उन्होंने इस अभियान को मिल रहे जनसमर्थन को सराहनीय बताते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग स्वेच्छा से इससे जुड़ रहे हैं, जिससे यात्रा का उद्देश्य और भी सशक्त हो रहा है।

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