Jharkhand Water Crisis: चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड स्थित कटिया गांव में जल संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है। यहां के ग्रामीणों की जिंदगी रोज़ पानी के इंतज़ाम में ही बीत रही है। स्थिति इतनी खराब है कि पीने, नहाने, खाना बनाने और बर्तन धोने जैसे रोजमर्रा के कार्यों के लिए लोग मजबूरी में नदी और चुआं का दूषित पानी उपयोग कर रहे हैं। इससे गांव में जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
सरकार की जल जीवन मिशन और नल-जल योजना से ग्रामीणों को बड़ी उम्मीद थी। योजना के तहत गांव में जल मीनार और नल की व्यवस्था की गई, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही ने इस उम्मीद को भी तोड़ दिया। पुराने और सूखे बोरिंग में ही मोटर सेट कर दिया गया, जिससे न चापाकल में पानी आता है और न ही जल मीनार से। नतीजा यह है कि गांव में लगे सभी चापाकल और जल मीनार बंद पड़े हैं।
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब जलस्तर नीचे चला गया। अब हालात ऐसे हैं कि महिलाओं और बच्चों को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। गांव के लोगों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।