Jharkhand: ईडी ने जांच में पाया है कि वीरेंद्र ने 2023 में ई-8 सतबरी अंसल, साकेत नई दिल्ली में पिता के नाम पर 22.50 करोड़ में संपत्ति खरीदी थी। इसमें 4 करोड़ का भुगतान अलग अलग बैंकिंग चैनल से हुआ, जबकि वीरेंद्र ने 18.50 करोड़ नकद दिए थे। जांच में यह बात सामने आयी है कि वीरेंद्र ने पांच करोड़ नकद दिल्ली के सीए मुकेश मित्तल को भिजवाए थे। मुकेश ने कुछ कंपनी व अपने ही कर्मियों व रिश्तेदारों के नाम पर खोले गए बैंक खातों के जरिए इन पैसों की इंट्री गेंदा राम के पिता के केनरा बैंक के खाते में करायी।
जांच में पता चला है कि वीरेंद्र ने हवाला के जरिए 121.83 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की। हवाला कारोबारी ताराचंद की गिरफ्तारी के बाद यह राज खुला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वीरेंद्र राम के पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हवाला कारोबार से जुड़े ताराचंद के 3 फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ। ईडी ने श्री खाटूश्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम और ओम ट्रेडर्स के खातों का एनालिसिस किया। तीनों कंपनियों सचिन गुप्ता के नाम पर खोली गई बाद में ईडी को जानकारी मिली कि सचिन गुप्ता के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ताराचंद ने ही कंपनियां खोलीं।
ताराचंद के तीनों बैंक खातों की जांच में पता चला कि इन खातों में
121.83 करोड़ रुपए क्रेडिट हुए थे। जांच में पाया गया कि जनवरी 2023 में दिल्ली में संपत्ति की खरीद के लिए जो 4 करोड़ रुपए वीरेंद्र के पिता गेंदा राम के केनरा बैंक के खाते में डाले गए थे, उसके लिए इन तीन बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ। वीरेंद्र पैसे जमशेदपुर से दिल्ली भेजता था। रवि बाधवानी पैसे मुकेश मित्तल को देता था। इसके बाद मुकेश से पैसे लेकर भाटिया पैसों की इंट्री ताराचंद द्वारा खोले गए खातों में करता था । भाटिया कुछ राशि नीरज को भी देता था। जिसके बाद नीरज पैसों की इंट्री व फर्जी बिल बनाता था। बदले में भाटिया कमीशन लेता था। भाटिया को मुकेश ने सात लाख रुपये दिए थे।
ताराचंद व राम प्रकाश भाटिया को ईडी ने रविवार को जेल भेज दिया। इस मामले में नीरज मित्तल को ईडी ने शुक्रवार को ही गिरफ्तार किया था। सोमवार से ईडी तीनों आरोपियों को एक साथ रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। ईडी ने जांच में पाया है कि ताराचंद के द्वारा फर्जी नाम से खोले गए खातों में मनी लाउंड्रिंग की राशि की एकमोडेशन इंट्री होती थी, इसके बाद इसे गेंदा राम या अन्य लोगों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। बदले में ताराचंद को कमीशन के तौर पर मोटी रकम मिलती थी। ईडी ने 24 जून को रामप्रकाश को दिल्ली के ईडी मुख्यालय में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे रांची लाया गया। वहीं तारांचद से भी दिल्ली में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर ने पूछताछ की, इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। ईडी के मुताबिक, जांच के दौरान ताराचंद व रामप्रकाश ने ईडी को सहयोग नहीं किया। ऐसे में दोनों को गिरफ्तार किया गया।
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