पीएलएफआई को एनआईए ने नेपाल से गिरफ्तार किया था। नेपाल से ट्रांजिट रिमांड पर दिनेश गोप को दिल्ली लाया गया और वहां से झारखंड। कुख्यात उग्रवादी दिनेश गोप नेपाल में पंजाबी वेश-भूषा बनाकर एक ढाबा चला रहा था। बाद में पूछताछ में उसने बताया कि वह नेपाल भागने की तैयारी में था। बता दें कि तकरीबन 1 दशक तक दिनेश गोप का रांची, हजारीबाग, लातेहार, गढ़वा, कोडरमा और धनबाद जैसे जिलों के अलावा ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी दहशत थी। बताया जाता है कि दिनेश गोप भारतीय सेना में चयनित हो चुका था लेकिन इसी बीच उसके बड़े भाई की हत्या हो गई। बड़े भाई की हत्या के बाद दिनेश गोप अपराध की दुनिया में आया और दहशत काम कर दी।
टेरर फंडिंग से पीएलएफआई के लिए वसूली गई राशि की मनी लाउंड्रिंग व शेल कंपनियों के जरिए निवेश की जांच को लेकर झारखंड पुलिस व एनआईए में दर्ज केस में ईडी जांच कर रही है। ईडी ने पीएमएलए के तहत दर्ज अलग-अलग केस को संलग्न करते हुई ईसीआईआर दर्ज की है। ईडी ने इसके बाद पीएमएलए कोर्ट से पूछताछ की इजाजत मांगी। इजाजत के बाद सोमवार को पूछताछ होगी।
दिनेश ने लेवी से जो राशि वसूली थी उसे नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद बैंक में जमा कराया जा रहा था। तब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में बाद में एनआईए ने बेड़ो में दर्ज केस को टेकओवर किया था। जांच में पता चला था कि दिनेश ने करीबी सुमंत के जरिए शेल कंपनियों में निवेश किया था। इन पहलुओं पर ईडी जांच करेगी। इसके अलावा धुर्वा निवासी निवेश कुमार ने भी दिनेश गोप से हथियार व कारतूस के नाम पर 8 करोड़ ठगे थे। इस केस में भी ईडी दिनेश गोप से करेगी पूछताछ I
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