रांची: परीक्षा को लेकर इंटरनेट बंद किये जाने के राज्य सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है। हाईकोर्ट ने इंटरनेट को तुरंत बहाल करने का आदेश दिया है। दरअसल 21 और 22 सितंबर को आयोजित सीजीएल परीक्षा के दौरान पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बाधित रखने का आदेश सरकार ने लिया था। जिसके बाद एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गयी थी। सरकार के आदेश पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने सेवा को तत्काल बहाल करने का आदेश दिया है।
21 सितंबर को सुबह 8:00 बजे से 1:30 तक इंटरनेट सेवा बंद भी थी, लेकिन राज्य सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने रजिस्टार जनरल के माध्यम से एक्टिंग चीफ जस्टिस को पत्र के जरिए सूचित किया था। उनके पत्र के आलोक में उसे जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई के लिए बेंच गठित किया गया था। रविवार के दिन इस मसले पर आकस्मिक सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने राज्य सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई और स्पष्ट निर्देश दिया कि इस तरह का फैसला लेने से पहले हाई कोर्ट की स्वीकृति जरूरी होगी। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा के नाम पर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा को बाधित करना कहीं से भी उचित नहीं है।
इस मामले में राज्य सरकार के गृह सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश भी हाईकोर्ट ने दिया था। कोर्ट ने आदेश की उस कॉपी को भी मांगा है जिसमें सुबह 4 बजे से शाम 3:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बाधित रखने का जिक्र है। इस मामले में अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद दोपहर 2:00 बजे के करीब इंटरनेट सेवा बहाल हो गई। दरअसल, 20 सितंबर की शाम गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी हुआ था कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल परीक्षा को निष्पक्ष और कदाचार मुक्त करने के लिए सुबह 8:00 बजे से 1:30 बजे तक पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।