अचल संपत्ति के नुकसान के लिए 1 लाख और चल संपत्ति की क्षति के लिए 50 हजार रुपये तक का मुआवजा मिलेगा। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई। कैबिनेट की बैठक में 35 प्रस्तावों पर मंजूरी मिली। अब तक आतंकवादी हमले, उग्रवादी हमले और जातीय हमले से नुकसान पर झारखंड सरकार मुआवजा देती थी, लेकिन अब सांप्रदायिक तनाव, हिंसा व दंगे से हुई क्षति की भी भरपाई सरकार करेगी।
कैबिनेट में लिए गए फैसले के मुताबिक कैदियों के आपसी झगड़े से मौत, जेल कर्मियों द्वारा पिटाई या प्रताड़ित करने से मौत या किसी के द्वारा विषपान कराने से मौत की पुष्टि होने पर मृत कैदी के आश्रित को 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। वहीं, जेल अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही और चिकित्सा अधिकारी व पारा चिकित्सा कर्मी लापरवाही से कैदी की मौत होने पर उसके आश्रित को 4 लाख रुपये दिये जाएंगे, जबकि कैदी के द्वारा आत्महत्या करने पर आश्रित को 3 लाख रुपये अनुग्रह राशि मिलेगी। जेल से भागने, हिरासत से भागने के दौरान, किसी प्राकृतिक आपदा- विपत्ति के कारण मृत्यु होने पर मुआवजा की राशि नहीं मिलेगी।
इसमें भवन, आवासीय व व्यापारिक परिसर के क्षतिग्रस्त होने पर 1 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि वाहनों के क्षतिग्रस्त होने पर 50 हजार रुपये तक की अनुग्रह राशि दी जाएगी। जेल में बंद कैदी की मौत पर राज्य सरकार उनके निकटवर्ती आश्रित को तीन लाख से पांच लाख रुपये तक का मुआवजा देगी
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