Ranchi : नामकुम अंचल के राजस्व कर्मचारी राजेश कुमार के रांची और बिहार के औरंगाबाद समेत कई ठिकानों पर बुधवार को एसीबी ने छापेमारी शुरू की है. इस छापेमारी में अब तक कई भूखंडों के दस्तावेज और कई मोबाईल एसीबी ने बरामद किये हैं. इसके साथ ही एसीबी को कैश पैसे भी मिले हैं. एसीबी की छापेमारी के बाद राजस्व कर्मचारी राजेश को लेकर तरह तरह की चर्चा शरू हो गई हैं. लोग बताते हैं कि अपने स्ट्रांग कनेक्शन की वजह से राजेश को नामकुम जैसे महत्वपूर्ण अंचल में अंचल निरीक्षक (सीआई) का प्रभार नामकुम सीओ ने दे दिया. अंचल कार्यालय में राजेश की हनक ऐसी है कि उसकी मर्जी के बिना किसी बड़े भूखंड का म्यूटेशन नहीं हो सकता.
दस्तावेज तैयार करने के लिए दिलीप दास नाम के व्यक्ति को वेतन पर रखा था
राजस्व कर्मचारी होकर भी राजेश स्कॉर्पियों से कार्यालय आता था. वह अपने साथ एक ड्राइवर भी लेकर चलता था. इतना ही नहीं, राजेश ने रिपोर्ट तैयार करने और अंचल से जुड़े अन्य दस्तावेज तैयार करने के लिए दिलीप दास नाम के एक व्यक्ति को वेतन पर रखा था. दिलीप दास का वेतन राजेश खुद अपनी पॉकेट से देता था. राजेश का ड्राइवर जमशेद है जो उसका सबसे बड़ा राजदार है. रांची टाउन अंचल में रहने के दौरान एक वरीय आईपीएस की भूमि के म्यूटेशन को लेकर भी राजेश काफी विवादों में रहा था.