Jharkhand: राज्य सरकार ने इस कानून के तहत वर्ष 2012 में सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनायी। वर्ष 2013 में टेट के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति की गई। इसके बाद जैक की ओर से वर्ष 2016 टेट की परीक्षा ली गई। लेकिन मेरिट सूची नहीं जारी की गई। इसकी वजह से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।
झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में वर्ष 2016 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में सफल अभ्यर्थियों के नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने वर्ष 2016 में टेट सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर 6 सप्ताह में सरकार को निर्णय लेने का आदेश दिया है।
सुनवाई के बाद अदालत ने 6 सप्ताह में सरकार को अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इस संबंध में परिमल कुमार सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि संविधान में 86वां संशोधन करते हुए अनुच्छेद 21 (ए) को समाहित किया गया। इसके तहत पूरे देश में मुफ्त शिक्षा अनिवार्य की गई। इसके तहत छह से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए आरटीई लाया गया।
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