जमशेदपुर लौहनगरी के युवा रंगकर्मियों द्वारा संगठित गीता थिएटर के कलाकारों ने थिएटर अड्डा में रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसायटी बरेली द्वारा आयोजित 15 दिवसीय नाट्य समारोह के 3वें दिन लोक खुशहाली चेरिटेबल ट्रस्ट सभागार में कसक नाटक का भव्य मंचन किया गया।
झारखण्ड रत्न से सम्मानित गीता कुमारी द्वारा लिखित एवं प्रेम दीक्षित द्वारा निर्देशित नाटक कसक की कहानी मजबूरीयो एवं गरीबी के भव-सागर मे फंसी अति-निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में रहनेवाले कर्ज़ मे डुबे बुधवा, सुगनी (पत्नी) एवं उसके दो बच्चों (फुलवा एवं सोहन) की व्यथा-कथा है । नाटक में दिखाया गया है कि परिवार की खुशी के लिए बुधवा द्वारा लिया कर्ज़, कर्ज़ ना चुकाने से लोगों द्वारा उनकी मानहानि एवं कर्ज़ चुकाने के लिए सुगनी का अपनी ईज्जत का सौदा करना तथा अंत मे आत्महत्या पर केन्र्दीत है।
समाज मे आए इस नई प्रथा को रोकने एवं ऐसे परिवारो को संदेश देने हेतु आत्ममंथन के शब्दों से रची है ।
नाटक में बेब्स सुगानी का बेहतरीन किरदार गीता कुमारी ने, कर्ज़ में डूबे बुधवा का पात्र सोनारी निवासी सुरज धीवर, बेटी फुलवा का पात्र नवनीत कौर और बेटा सोहन का अनंत सरदार ने और नाटक के खलनायक बड़े ठाकुर की भुमिका में प्रेम दीक्षित तथा उसके साथ नौकर का पात्र अभिरंजन कुमार ने निभाया।
मंचन सज्जा में हरजीत कौर, प्रकाश में आलौक और ध्वनि में भुमि सिंह ने सहयोग किया।
भव्य प्रदर्शन के लिए गीता थिएटर के सभी कलाकारों को रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसायटी बरेली थियेटर अड्डा द्वारा सम्मान एवं नाटक सहयोगी को संस्था का प्रतीक चिन्ह एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किया वहीं बेहतरीन निर्देशन और कला संस्कृति क्षेत्र में कई सालों से सक्रिय भूमिका निभाने के कारण गीता थिएटर के सचिव प्रेम दीक्षित को आयोजिक समिति द्वारा “रंगकर्म विभूषण सम्मान 2024” सम्मान पत्र से सम्मनित किया गया।