Jamshedpur: 1891 में स्थापित कालीमाटी रेलवे स्टेशन से 1919 में टाटानगर स्टेशन में बदलाव के 105 साल बाद किसी पीएम का पहली बार टाटानगर स्टेशन पर आगमन हो रहा है। जमशेदपुर के लिए यह अवसर व समय खास है। पीएम के कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों के बीच रेल प्रशासन ने आनन-फानन में कई दुकान-मकानों काे तोड़ डाला, उन रास्तों को चकाचक किया जा रहा है जहां से होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला गुजरने वाला है। यानी जहां तक पीएम की नजर जायेगी चकाचक लेकिन उनके पीछे …..गंदगी का अंबार, टूटी सड़कें, सड़कों के गड्ढों में भरा पानी…
यह तो रही रेलवे व पंचायत क्षेत्र में आने वाले टाटानगर रेलवे स्टेशन की बात। अब आते है जमशेदपुर की देख-रेख व व्यवस्था संभालने वाली टाटा स्टील पर, टाटा स्टील ने भी पीएम के कार्यक्रम को लेकर कोई कसर नहीं रख छोड़ी है। पीएम के रोड शो वाले बिष्टुपुर इलाके से पिग्नमेंट गेट और स्टेशन तक की सड़क को पूरी तरह ठोक-बजाकर दुरुस्त कर दिया गया है। सड़क के दोनों ओर की दीवारों कलाकारी तो रोड डिवाइडर का रंग-रोगन किया जा रहा, पेड़ों की छंटाई का काम चल रहा।
हवाई अड्डा सोनारी से टाटानगर रेलवे स्टेशन तक के रास्ते में जहां तक पीएम मोदी की नजर जायेगी उनकी नजरों में जमशेदपुर लौहनगरी की एक व्यापक व व्यवस्थिति शहर की सुंदर छवि उतारने का प्रयास किया जा रहा है। यानी पीएम मोदी की नजर जहां तक जाये चकाचक, सड़कें साफ, दीवारों पर पेंट-कलाकृतियां, सुंदर तरीके से तरासे गये पेड-पौधे। कुल मिलाकर लौहनगरी जमशेदपुर की एक सुंदर व व्यवस्था शहर की छवि प्रदर्शित करने का प्रयास हो रहा है।
रेलवे भी इसमें दो कदम आगे है, जिन इलाकों में कल तक मरम्मत व रखरखाव को यह कहकर छाेड़ दिया गया था कि यहां स्टेशन विस्तार की वृहत योजना के तहत तोड़फोड़ होनी है लिहाजा यहां कोई काम करना पैसे की बर्बादी होगी अब उन्हें इलाकों पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। न डिजाइन स्वीकृत करायी गयी न ही योजना बनायी गयी, मरम्मत कार्य में जुटे मजदूरों को ही इंजीनियर बना दिया गया है। इंजीनियर की कौन पूछे, आईओडब्ल्यू तक की गैरमौजूदगी में आनन-फानन में रॉड बिछाकर ढलाई कर दी जा रही है।
रोड डिवाइडर को रंग-रोगन किया जा रहा है। पीएम की नजरों को सुकून देने के लिए जो पैसा बहाया जा रहा है वह किस निधि से आयेगा और किस निधि में उसका व्यय दिखाया जायेगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, क्योंकि यहां पीएम के कार्यक्रम के नाम पर जो “अघोषित लूट” मची है उसके गुणवत्ता निर्धारण को देखने वाला तक कोई नहीं। सभी पीएम की अगुवानी में जुटे है, सिर्फ एक ही जवाब आ रहा है, भाई यह सब तो होगा ही… अपने पीएम मोदी आने वाले हैं।
देश के प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों के लिए किये जा रहे तमाम प्रयास व कार्य बेहतर कार्यप्रणाली का हिस्सा है और यह गर्व की बात है कि देश के किसी प्रधानमंत्री का यह पहला दौरा रेल क्षेत्र में होने जा रहा है। पहली बार कोई प्रधानमंत्री जमशेदपुर के पंचायत इलाके में कदम रखेंगे। इस पल का गवाह बनेगा बागबेड़ा पंचायत। इसमें रेलवे के क्षेत्र भी शामिल है जिसमें कुछ दिनों पूर्व ही यह कहकर पंचायत से होने वाले विकास कार्य को रोक दिया गया कि यह रेलवे की जमीन है और इस पर राज्य सरकार के पैसे से योजना नहीं संचालित की जा सकती है।
पांच मिनट के लिए यहां से भी गुजर जाता पीएम मोदी का काफिला…
अब आते है पीएम के दौरे में खर्च की जा रही विकास राशि के पीछे उन जर्जर सड़कों पर जहां पीएम की नजर नहीं जायेगी लेकिन इस सड़क से होकर हर दिन 50 हजार से अधिक वाहन आते-जाते है और 2 लाख से अधिक लोगों का आना-जाना है, लेकिन इस पर न तो रेलवे न ही टाटा स्टील की नजर है। यह सड़क है टाटानगर रेलवे स्टेशन से बर्मामाइंस जाने वाली सड़क और ओवरब्रिज। इस पर जगह-जगह गढ्ढों में जमा पानी हर दिन लोगों को गिराकर जख्मी कर रहा है। टाटा स्टील का क्षेत्र होने के बावजूद गंदगी देखकर आपको भी हकीकत का अंदाज़ा लग जायगा।
स्टेशन के दूसरी ओर बागबेड़ा के पंचायत इलाकों में गंदगी बजबजा रही है। रेलवे कॉलाेनियों में लोगों को हाल बेहाल है। बरसात के कारण जमा पानी, गंदगी डेंगू व दूसरी बीमारियों को दावत दे रही है। इनकी सफाई पर न तो रेलवे व जिला प्रशासन का ध्यान है न ही टाटा स्टील का। लोग इस बात से प्रसन्न है कि पंचायत इलकों में पहली बार किसी पीएम का दौरा हो रहा है और पूरे इलाके का कार्याकल्प कर दिया है लेकिन इस बात का मलाल है कि उनकी ओर किसी की नजर नहीं गयी। जहां से पीएम की नजर जायेगी यह कार्याकल्प सिर्फ वहीं तक सीमित है। लोग चर्चा कर रहे कि काश पांच मिनट के लिए पीएम का काफिला बागबेड़ा पंचायत के इन मार्गों से होकर भी गुजर जाता ….