एक अधिकारी का कहना है कि मशीन रबर स्टैंप की तरह काम करती थी। पहले पुरुष की पहचान करती और 20 सेंकड के अंदर ही हमला कर देती थी।
इस्राइली अधिकारियों का यह कहना
इस्राइली अधिकारियों का कहना है कि एआई-आधारित टूल को ‘लैवेंडर’ कहा जाता था। इसे 10 प्रतिशत गलती करने के लिए भी जाना था। जब इस बारे में इस्राइल के रक्षा बलों (आईडीएफ) से पूछा गया तो उन्होने टूल के होने पर विवाद नहीं किया। हालांकि, इस बात से इनकार किया कि संदिग्ध आतंकवादियों की पहचान के लिए एआई का इस्तेमाल किया जा रहा था।
हमास और इस्राइल के बीच कई माह से जंग जारी है। इस युद्ध को रुकवाने के लिए हर कोई कोशिश कर रहा है, लेकिन फिर भी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब बताया जा रहा है कि इस्राइली सेना हमास के आतंकियों को निशाना बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद भी ले रहा है। बता दें, इस्राइल के खुफिया अधिकारियों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।