Stalking Health Impact: स्टॉकिंग के मामलों में भले ही महिलाओं को शारीरिक चोट न लगे, लेकिन उनका मानसिक तनाव दिल की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। एक हालिया स्टडी के अनुसार, हर तीन में से एक महिला स्टॉकिंग का शिकार होती है और यह ट्रॉमा उनके हार्ट डिजीज के खतरे को 40% तक बढ़ा देता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन महिलाओं को लगातार पीछा करने, निगरानी रखने या परेशान करने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनमें भविष्य में दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रभाव लंबे समय तक रहने वाले स्ट्रेस और मानसिक असुरक्षा से जुड़ा है।
स्टॉकिंग के कई रूप हो सकते हैं — जैसे कोई व्यक्ति लगातार पीछा करे, घर या ऑफिस के पास दिखे, अनचाहे मैसेज या तोहफे भेजे, या सोशल मीडिया पर निगरानी रखे। यह लगातार तनाव और डर महिलाओं के आत्मविश्वास, नींद और सेहत पर बुरा असर डालता है।
विश्व स्तर पर महिलाओं की मौत के प्रमुख कारणों में हार्ट डिजीज शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के साथ-साथ मानसिक ट्रॉमा भी दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण बन चुका है।
कार्डियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि स्टॉकिंग या मानसिक उत्पीड़न जैसी घटनाओं के बाद यदि लगातार डर, घबराहट या अनिद्रा जैसी समस्याएं बनी रहें, तो तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है। मनोवैज्ञानिक परामर्श और हेल्थ मॉनिटरिंग से इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
 
				 
											


