Harvard IAS India: झारखंड के चर्चित और जनता के बीच लोकप्रिय IAS अधिकारी अरवा राजकमल एक बार फिर चर्चा में हैं। कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा और सरायकेला जिलों में बतौर उपायुक्त अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जो काम किए, उससे वह सिर्फ एक अफसर नहीं, बल्कि एक जनसेवक की पहचान बना चुके हैं।
मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले अरवा राजकमल ने इंजीनियरिंग (B.Tech) की पढ़ाई की और वर्ष 2008 बैच में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित हुए। वर्ष 2013 में उन्हें बोकारो का उपायुक्त बनाया गया। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। लेकिन शिक्षा की ऊंचाईयों को छूने के बावजूद, उन्होंने जमीनी हकीकत को नहीं छोड़ा।
चाईबासा में अपने कार्यकाल के दौरान वह खुद झाड़ू लेकर सफाई अभियान में शामिल हुए और नालों की सफाई में भी उतरे। इसके अलावा उन्होंने ‘चलंत पुस्तकालय’ की शुरुआत कर ग्रामीण बच्चों तक किताबें पहुंचाने का प्रयास किया। नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने में उनकी विशेष भूमिका रही।
जनता आज भी उन्हें एक ऐसे अधिकारी के रूप में याद करती है, जो प्रशासनिक पद पर रहते हुए भी सीधे आम लोगों से जुड़ना जानता था। सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसे समर्पित अधिकारी को पोस्टिंग क्यों नहीं दी जा रही है।