Gamharia Waterlogging: सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड के जगन्नाथपुर पंचायत अंतर्गत बलरामपुर गांव के लोगों की परेशानियां अब हद से गुजर चुकी हैं। लगातार बारिश के कारण इस गांव में बीते 20 दिनों से पानी जमा है और जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण कीचड़ ने पूरे मोहल्ले को अपने कब्जे में ले लिया है।
स्थानीय निवासियों के लिए घर से बाहर निकलना कठिन हो गया है। चाहे स्कूल जाने वाले बच्चे हों या सरकारी दफ्तर के कर्मचारी, सभी इस जलजमाव से जूझ रहे हैं। समस्या की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने बुधवार को गम्हरिया प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया और जल निकासी की मांग को लेकर नारेबाजी की।
बीमारी का खतरा बढ़ा, प्रशासन चुप
गांव में जलजमाव के चलते मलेरिया और डेंगू जैसे बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के बाद गांव में पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है। नालियां जाम हैं और सड़कों पर घुटनों तक पानी जमा है। बच्चों और बुजुर्गों को कीचड़ भरे रास्तों से निकलना पड़ता है, जिससे चोट और संक्रमण की आशंका बनी रहती है।
बीडीओ को सौंपी शिकायत, शनिवार को होगा मुआयना
इलाके की स्थिति को लेकर ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अभय कुमार द्विवेदी से मिला। बीडीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को स्थल निरीक्षण का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि वे खुद गांव में जाकर स्थिति का जायजा लेंगे और त्वरित समाधान की कोशिश करेंगे।
स्थानीय महिला नेता ने उठाई आवाज
प्रदर्शन में शामिल महिला नेत्री रश्मि साहू ने कहा कि जलजमाव से महिलाओं और बच्चों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। प्रशासन की चुप्पी से लोगों में आक्रोश है। उन्होंने मांग की कि तत्काल प्रभाव से जल निकासी और कीट नियंत्रण के उपाय किए जाएं, नहीं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीडीओ अभय कुमार द्विवेदी के दौरे के बाद प्रशासन किस हद तक इस गंभीर समस्या का समाधान करता है, या फिर ग्रामीणों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा