Ghatshila by-election: उपचुनाव से पहले चुनावी मुकाबला तेज‚ सभी दलों ने झोंकी पूरी ताकत

Ghatshila by-election: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अब महज 48 घंटे शेष रह गए हैं और इसके साथ ही राजनीतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच गई हैं। आरोप–प्रत्यारोप के बीच विकास और जमीनी मुद्दे पीछे छूट गए, जबकि दोनों प्रमुख गठबंधनों ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीति में पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार

Facebook
X
WhatsApp

Ghatshila by-election: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अब महज 48 घंटे शेष रह गए हैं और इसके साथ ही राजनीतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच गई हैं। आरोप–प्रत्यारोप के बीच विकास और जमीनी मुद्दे पीछे छूट गए, जबकि दोनों प्रमुख गठबंधनों ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीति में पूरी ताकत झोंक दी है।

शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने घाटशिला के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित अंतिम चुनावी सभाओं के माध्यम से महागठबंधन प्रत्याशी सोमेश सोरेन के पक्ष में समर्थन की अपील की। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए पिछले वर्षों की सरकारी योजनाओं, विकास कार्यक्रमों और स्थानीय आवश्यकताओं के समाधान को चुनावी मुद्दा बनाया।

दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से छह साल का विस्तृत हिसाब मांगा। भाजपा नेत्री एवं पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने राज्य में महिलाओं और आदिवासी समुदाय पर बढ़ते अत्याचार का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 6000 से अधिक महिलाओं पर अत्याचार दर्ज किए गए हैं, जिनमें सर्वाधिक संख्या आदिवासी महिलाओं की है।गीता कोड़ा ने मैया सम्मान योजना में किए गए नामांकन हटाए जाने को साजिश बताया और दावा किया कि घाटशिला में अपेक्षित विकास धरातल पर दिखाई नहीं देता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के नेता और मंत्री मुद्दों से ध्यान हटाकर विपक्षी उम्मीदवारों के खिलाफ निजी हमले कर रहे हैं।

चीता कोड़ा ने चाईबासा की हालिया नो-एंट्री घटना को लेकर राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि घटना आदिवासी महिलाओं के साथ किए जा रहे उत्पीड़न का सीधा उदाहरण है और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। उन्होंने बताया कि पीड़ित महिला अब भी जेल में है, जो स्थिति की गंभीरता दर्शाती है।

भाजपा नेता डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने भी सरकार पर तीखे प्रहार किए और दावा किया कि घाटशिला में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन बढ़त की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि जनता वर्तमान सरकार के शासन से असंतुष्ट है और उपचुनाव में इसका असर साफ दिखेगा।

समग्र रूप से देखें तो घाटशिला विधानसभा उपचुनाव एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है। दोनों गठबंधन अपनी पूरी ताकत और राजनीतिक संसाधनों के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि 48 घंटे बाद जनता का जनादेश किसे मिलता है और क्षेत्र के आगामी राजनीतिक समीकरण किस दिशा में मुड़ते हैं।

TAGS
digitalwithsandip.com