BRC Training: मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) में गुरुवार को चल रहे शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने भाग लिया और पूरे सत्र को संबोधित किया। वे क्षेत्र निरीक्षण के क्रम में मुसाबनी प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीआरसी को शिक्षा व्यवस्था की सबसे मजबूत आधारशिला बताते हुए कहा कि किसी भी जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकास प्रशिक्षित, सजग और तकनीक–सम्पन्न शिक्षकों से ही संभव है।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि बीआरसी सिर्फ प्रशासनिक ढांचा नहीं, बल्कि विद्यालयों की शैक्षणिक प्रगति, शिक्षक क्षमता-विकास और सतत मॉनिटरिंग का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रत्येक शिक्षक में अद्यतन विषय-ज्ञान के साथ-साथ नवाचार आधारित शिक्षण शैली को अपनाना आवश्यक है, ताकि छात्र बेहतर तरीके से सीख सकें।
अपने संबोधन में उपायुक्त ने फाउंडेशनल लर्निंग, न्यूमेरसी, लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण और गतिविधि आधारित शिक्षा को स्कूलों में प्रभावी रूप से लागू करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि शिक्षण पद्धतियों में नए तरीकों का समावेश ही यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चे मजबूत आधार तैयार कर सकें।उन्होंने उपस्थित शिक्षकों को यह भी बताया कि स्कूलों की शैक्षणिक प्रगति का नियमित मूल्यांकन अत्यंत जरूरी है। इसके लिए उपस्थिति की निगरानी, सीखने के स्तर का मूल्यांकन और मासिक समीक्षा को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।
अपने निरीक्षण के दौरान उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बीआरसी टीम और प्रशिक्षण दे रहे मास्टर ट्रेनर्स को स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रशिक्षण सिर्फ औपचारिक गतिविधि न रह जाए, बल्कि उसके प्रभाव कक्षा-कक्ष के व्यवहार और छात्रों के सीखने के स्तर में स्पष्ट रूप से दिखाई दें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का वास्तविक उद्देश्य तभी पूरा होगा जब शिक्षक नई तकनीकों और पद्धतियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में उपायुक्त ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए शिक्षक ही सबसे बड़ी ताकत हैं। इसलिए उनकी क्षमता-विकास और सतत प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है, ताकि जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य पूरी तरह हासिल किया जा सके।


