Drainage Crisis Adityapur: सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में जल निकासी की पुरानी समस्या एक बार फिर जनता के गले की फांस बन गई है। रविवार को हुई तेज बारिश के बाद वार्ड 23 का पूरा इलाका जलमग्न हो गया, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक पानी भर गया, और उस पर बजबजाती गंदगी ने स्थिति और भी भयावह बना दी।
नाराज वार्डवासियों ने किया घेराव
सोमवार को आक्रोशित वार्ड 23 की जनता ने आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और साफ तौर पर कहा कि यदि अविलंब जलजमाव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
दिलचस्प बात यह रही कि जलजमाव की चपेट में खुद नगर निगम का कार्यालय भी था, जो इसी वार्ड में स्थित है। इससे लोगों का गुस्सा और भड़क गया।
नगर निगम ने रेलवे को बताया जिम्मेदार
इस बीच नगर निगम के प्रशासक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वार्ड में जलजमाव का मुख्य कारण रेलवे की संरचनाएं हैं, जिनकी वजह से जलनिकासी में बाधा आ रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर रेलवे प्रशासन से बातचीत की जा रही है और जल्द ही कोई समाधान निकलने की उम्मीद है।
व्यवस्था की पोल खोलता मानसून
यह कोई पहली बार नहीं है जब मानसून ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी हो। वार्ड 23 ही नहीं, बल्कि आदित्यपुर के कई अन्य वार्डों में भी जलजमाव आम समस्या बन चुकी है। नागरिक सुविधाओं का अभाव, नालों की सफाई न होना और नियमित मॉनिटरिंग का न होना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
वसूली में व्यस्त अधिकारी, जनता कर रही संघर्ष
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी और कर्मी टैक्स वसूली में तो सक्रिय रहते हैं, लेकिन जब बात जनता की बुनियादी जरूरतों की आती है, तो उनकी चुप्पी सब कुछ बयां कर देती है। यही कारण है कि अब जनता को सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बाद नगर निगम की टीम हरकत में आई और जलजमाव की समस्या के समाधान के लिए मौके पर रवाना हुई। अब देखना यह होगा कि यह तात्कालिक हल साबित होता है या स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाता है।