Danga Victims Relief: ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट (AIMSWF) के केंद्रीय महासचिव बाबर खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला से मुलाकात कर झीमरी गांव, रघुनाथपुर (नीमडीह थाना क्षेत्र) में हालिया सांप्रदायिक तनाव से प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, पुनर्वास, रोजगार और मुआवजा की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को अवगत कराया कि दंगे की घटनाओं के बाद कई परिवार भयवश गांव छोड़कर पलायन कर गए हैं।
इन परिवारों को पुनः गांव में बसाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और आर्थिक सहायता प्रदान करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। बाबर खान ने बताया कि पीड़ित परिवारों को न्याय और सम्मान दिलाने के लिए संगठन संवेदनशील तरीके से प्रयासरत है।उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि पीड़ितों को सुरक्षा और विश्वास में लेकर उनके गांव वापस पहुँचाया जाए और असामाजिक तत्वों पर सख्त निगरानी रखी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं दिया जाएगा।
इस बैठक में मौजूद रहे प्रतिनिधि: तहसीन हाशमी, मोहम्मद अफरोज, सुल्तान अहमद, नसीर हुसैन, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद शब्बीर अंसारी, फरजाना खातून, हाजरा खातून, शहनाज खातून, जमील अंसारी, नदीम अंसारी, महफूज़ अंसारी सहित कई पीड़ित और संगठन सदस्य उपस्थित रहे।
विश्लेषण:AIMSWF का यह प्रयास केवल प्रशासनिक हस्तक्षेप तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की मांग भी है। जब भी किसी क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होता है, तो पीड़ितों को केवल पुलिस सुरक्षा नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्वास, मनोवैज्ञानिक सहायता और आर्थिक स्थिरता की भी आवश्यकता होती है।सरकार को चाहिए कि ऐसी घटनाओं के पश्चात केवल औपचारिक आश्वासन तक सीमित न रहकर धरातल पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे। दंगाग्रस्त इलाकों में विश्वास बहाली के लिए पुलिस और प्रशासन को लगातार मौजूद रहना चाहिए। साथ ही दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष कार्रवाई से ही कानून में आम नागरिक का विश्वास कायम रह सकता है।