Chhath Puja 2025: छठ महापर्व की शुरुआत पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ हो चुकी है। जमशेदपुर, सरायकेला, चांडिल और आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही घाटों पर तैयारियों का दौर जारी है। नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय इस व्रत की शुरुआत महिलाओं ने विधिवत रूप से की। हर घर में व्रतियों के लिए पारंपरिक व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं और माहौल भक्तिमय बन गया है।
छठ पर्व सूर्य उपासना का पवित्र पर्व है। व्रती महिलाएं चार दिनों तक कठोर नियमों का पालन करते हुए अस्ताचलगामी सूर्य और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देंगी। इस अवसर पर घाटों पर भक्ति गीतों की गूंज सुनाई देने लगी है और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है।
पर्व को लेकर जमशेदपुर और सरायकेला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत और उपायुक्त नितिश कुमार सिंह के नेतृत्व में घाटों का निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने सफाई व्यवस्था, प्रकाश, सुरक्षा और यातायात नियंत्रण को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
छठ पूजा से जुड़ी दुकानों में जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है। लोग दउरा, सूप, नारियल, केला, फल और दीप जैसी पूजन सामग्री खरीदने में व्यस्त हैं। वहीं, कारीगरों ने घाटों की सजावट और मिट्टी के सूर्य-चंद्रमा की मूर्तियाँ बनाने में दिन-रात एक कर दिया है।
हर गली-मोहल्ले में छठ गीतों की धुन गूंज रही है — “केलवा के पात पर उगेले सूरज देव…” जैसी पारंपरिक धुनों से वातावरण भक्तिमय हो गया है। महिलाएं समूह में गीत गाते हुए पर्व की तैयारी कर रही हैं। पूरा इलाका आस्था, अनुशासन और पवित्रता की भावना से ओतप्रोत दिख रहा है।
छठ केवल एक पूजा नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मसंयम और श्रद्धा का प्रतीक है। लोग इसे परिवार की समृद्धि और संतानों के कल्याण के लिए मनाते हैं। इस बार भी लाखों व्रती महिलाएं व्रत रखकर सूर्यदेव और छठी मैया से सुख-शांति की कामना करेंगी।


