मुंगेरी यादव की गिरफ्तारी राजमहल थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में 29 जुलाई 2022 को हुई थी। पुलिस ने रांची एयरपोर्ट के पास से उसे गिरफ्तार किया था। इसके अलावा 11 मार्च 2022 को रंजीत चौधरी नाम के व्यक्ति की ओर से दर्ज एफआईआर में भी पुलिस ने कार्रवाई की थी। इसमें कहा गया था कि 10 मार्च को मालवाहक फेरी सेवा पर रामपुर के पास गोलीबारी की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के गवाह प्रकाशचंद्र यादव ऊर्फ मुंगेरी यादव पर लगे सीसीए को रद्द करते हुए तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सोमवार की शाम 5 बजे तक जेल से रिहा कर अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अदालत ने यह निर्देश दिया। इसके बाद मुंगेरी को देर शाम रिहा कर दिया गया। मुंगेरी के खिलाफ 8 अगस्त 2022 को सीसीए का प्रस्ताव उपायुक्त रामनिवास यादव ने गृह विभाग को भेजा था। 12 अगस्त 2022 को गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रशासन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था। इसके बाद मुंगेरी पर सीसीए लगा था।
अदालत ने कहा कि प्रार्थी पर सीसीए एक्ट लागू करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। इस कारण इसे वैध नहीं माना जा सकता है। झारखंड हाईकोर्ट ने मुंगेरी की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। मुंगेरी को ईडी ने एक हजार करोड़ के अवैध खनन केस में आरोपी बनाया है। वह साहिबगंज जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रार्थी की ओर से उठाए गए बिंदुओं पर गौर नहीं किया। प्रार्थी ने कहा है कि राज्य सरकार ने सीसीए लागू करने के मामले में नियमों का पालन नहीं किया। सरकार ने इसे राज्य सलाहकार समिति को भेज दिया था
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