Father Daughters Suicide: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपनी तीन बेटियों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दर्दनाक घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो बेटे किसी तरह बाल-बाल बच गए। घटना सकरा थाना क्षेत्र के रूपनपट्टी मथुरापुर पंचायत अंतर्गत नवलपुर मिश्रौलिया गांव की है, जहां एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत से पूरे इलाके में कोहराम मच गया है।
पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान अमरनाथ राम और उनकी तीन बेटियों राधा कुमारी (11), राधिका (9) और शिवानी (7) के रूप में हुई है। अमरनाथ राम के दो बेटे शिवम और चंदन इस घटना में बच गए हैं। बताया जा रहा है कि अमरनाथ राम जनवरी माह में पत्नी की मृत्यु के बाद से मानसिक रूप से आहत थे और परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे हुए थे।
जानकारी के मुताबिक रविवार रात पूरे परिवार ने एक साथ भोजन किया था। इसके बाद सोमवार अहले सुबह अमरनाथ राम ने सभी बच्चों को जगाया। उन्होंने पत्नी की साड़ी से फंदा बनाकर अपने पांचों बच्चों के गले में फंदा डाला और घर के अंदर ट्रंक पर चढ़कर छत से लटकने की तैयारी की। उन्होंने बच्चों को ट्रंक से कूदने के लिए कहा। तीनों बेटियां उनके साथ झटके से कूद गईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
अमरनाथ के बेटे शिवम ने बताया कि वह रात में मोबाइल देखने के कारण सोया नहीं था। फंदा लगने के बाद उसे तेज दर्द हुआ, तो उसने किसी तरह फंदा खोलकर अपना गला बाहर निकाला। इसके बाद उसने अपने छोटे भाई चंदन के गले से भी फंदा खोल दिया और दोनों बाहर निकलकर शोर मचाने लगे। बच्चों की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही सकरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है और परिजनों व ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या के पीछे की वास्तविक वजह स्पष्ट हो सकेगी। घटना के बाद पूरे गांव में शोक और भय का माहौल है, वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
ग्रामीण राम अवतार राम ने बताया कि अमरनाथ राम की पत्नी की जनवरी में मौत हो गई थी, जिसके बाद वह टूट गया था। उसके पास कोई स्थायी काम नहीं था और परिवार का पालन-पोषण सरकारी राशन के सहारे होता था। ग्रामीण नीलम देवी और सीता राम ने भी बताया कि आर्थिक तंगी और पारिवारिक दबाव के कारण अमरनाथ राम ने यह खौफनाक कदम उठाया।


