New Delhi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा में शामिल मधु कोड़ा की उस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें मधु कोड़ा ने कोयला घोटाला मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. मधु कोड़ा ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी ताकि आगामी विधानसभा चुनाव वे लड़ सके. लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दी है. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस विभू बाखरु की एकल न्यायाधीश पीठ ने याचिका को खारिज करते हए कहा है कि अपीलकर्ता मधु कोड़ा को किसी भी सार्वजनिक पद पर चुनाव लड़ने की सुविधा देना उचित नही होगा, जब तक वे पूरी तरह केस में बरी नहीं हो जाये. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि मधु कोड़ा पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है, लेकिन अदालत यह मानने को राजी नहीं है कि सिर्फ इसी आधार पर उनकी सजा पर रोक लगायी जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा के बाद ही मधु कोड़ा को अपराध के लिए दोषी पाया गया है.
गौरतलब है कि कोयला घोटाला में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और मधु कोड़ा के सहयोग विजय जोशी को निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनायी थी. उन्हें कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआइएसयूएल) को राज्य में राजहरा नार्थ कोल ब्लॉक के आवंटन में भ्रष्ट आचरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने यूपीए की सरकार के कार्यकाल में कोयला घोटाला मामले में वीआइएसयूएल पर 50 लाख रुपये, मधु कोड़ा पर 25 लाख रुपये और कोयला सचिव रह चुके एचसी गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. पूर्व मुख्य सचिव एके बसु पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. दोषियों को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान जमानत दी गयी थी. गौरतलब है कि मधु कोड़ा सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे है. उस दौरान ही यह घोटाला हुआ था.