Anshuman Bhagat: जमशेदपुर में एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां शहर के प्रतिष्ठित लेखक अंशुमन भगत पर एक बर्बर हमला हुआ है। यह हमला 1 मार्च की शाम 5:15 बजे हुआ था, जब अंशुमन अपने घर में अकेले थे। हमलावरों ने उनके घर में जबरन घुसकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। आरोपियों में मुकेश सिंह (39 वर्ष), जितेंद्र सिंह (40 वर्ष) और उनके दो अन्य साथी शामिल हैं, जिन पर अंशुमन को बेरहमी से प्रताड़ित करने और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप है।
यह हमला किसी आपसी रंजिश का नतीजा था, जिसमें अंशुमन ने आरोपी मुकेश सिंह के अवैध कारोबार का खुलासा किया था। इस घटना के बाद, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतना बड़ा अपराध होने के बावजूद अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उल्टा, यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि सीतारामडेरा थाना पुलिस अपराधियों को बचाने में लगी हुई है।
बता दें आरोपी लगातार सोशल मीडिया पर धमकी भरे पोस्ट कर रहे हैं जिसमें वे खुलेआम ये कह रहे हैं कि “पुलिस और कोर्ट हमारे पैसों से चलते हैं, हम सबके लिए या चीज औकात से बाहर है”, इससे यह साफ पता चलता है कि पुलिस और न्याय व्यवस्था के प्रति उनका विश्वास खत्म हो चुका है और वे कानून को चुनौती देने में सक्षम है।
अंशुमान भगत के साथ हुई इस वारदात के बाद पुलिस प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं जैसे “क्या कोई भी व्यक्ति अपने पैसे और ताकत के बल पर पुलिस और कोर्ट को खरीद सकता है”? अंशुमान भगत ने भी प्रशासन और पुलिस से अपील की है कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।