हाथरस में सत्संग के दौरान हुए दर्दनाक हादसे के बाद यह सवाल हर किसी के जहन में है, कि आखिर कौन है वह बाबा जिसके कार्यक्रम में इतने बड़े पैमाने में लोग जुटे और हादसे के शिकार हो गए। आपको बता दें कि यह सत्संग कार्यक्रम साकार विश्व हरि भोले बाबा का हो रहा था, अनुयायी इन्हें भोले बाबा के नाम से भी पुकारते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद से बाबा की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में है। भोले बाबा और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रहते हैं। सत्संग की व्यवस्था अनुयायी ही संभालते हैं। आयोजन के लिए मीडिया से दूरी बनाते हैं।

कौन हैं नारायण साकार हरि ?
सफेद सूट और टाई पहनकर प्रवचन देते हैं
मूल रूप से एटा जिले के बहादुर नगरी के रहने वाले
खुफिया विभाग में सरकारी नौकरी करते थे
1990 में नौकरी से इस्तीफा दिया
नौकरी छोड़ने के बाद अध्यात्म में रम गए
कोरोना में सत्संग करके चर्चा में आए थे
पत्नी के साथ मंच से प्रवचन करते हैं
सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है
बाबा के काफिले को निकालने को लेकर मची भगदड़
सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ निकल रही भीड़ को एक हिस्से से बाबा का काफिला निकालने के लिए रोका तभी भगदड़ मच गई। इसमें 90 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं।
जांच के लिए बनाई गई कमेटी
नारायण हरि का कनेक्शन सियासत से भी है. कुछ मौकों पर यूपी कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा जा चुका है. इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है. इस हादसे की जांच के लिए एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की एक कमेटी बनाई गई है. सीएम कार्यालय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.