Winter Homeless Crisis: जमशेदपुर में बढ़ती ठंड‚ खुले आसमान में जिंदगी

Winter Homeless Crisis: जमशेदपुर में इन दिनों ठंड का कहर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। शहर का तापमान लगातार नीचे गिर रहा है और देर रात कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच चुका है, ऐसे में सबसे ज्यादा मार

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Winter Homeless Crisis: जमशेदपुर में इन दिनों ठंड का कहर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। शहर का तापमान लगातार नीचे गिर रहा है और देर रात कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच चुका है, ऐसे में सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ रही है जो बेघर हैं और खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने को मजबूर हैं।

जैसे-जैसे जमशेदपुर का पारा गिर रहा है, वैसे-वैसे शहर के फुटपाथों पर दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आ रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों के साथ बेघर परिवार सड़कों के किनारे प्लास्टिक बिछाकर और ऊपर से पतले कंबल ओढ़कर कड़ाके की ठंड में रात गुजारते नजर आ रहे हैं। इन लोगों के पास न तो कोई स्थायी सुविधा है और न ही किसी तरह की सुरक्षा।

शहर में सरकार द्वारा निर्मित कुल नौ आश्रय गृह मौजूद हैं। इनमें से कुछ आश्रय गृहों में लोग रह रहे हैं, जबकि कुछ अब भी खाली पड़े हैं। आश्रय गृहों में खटिया, मच्छरदानी और कंबल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं और कुछ स्थानों पर बुजुर्ग बेघर लोग रह भी रहे हैं, लेकिन यहां भी कई तरह की कमियां सामने आ रही हैं।

आश्रय गृह की देखरेख करने वाले कर्मचारियों के अनुसार इस वर्ष अब तक पर्याप्त संख्या में कंबल नहीं पहुंचे हैं। उनका कहना है कि यदि आश्रय गृहों में रहने वालों की संख्या बढ़ती है तो सभी को कंबल उपलब्ध करा पाना मुश्किल हो जाएगा। यह स्थिति आने वाले दिनों में और गंभीर रूप ले सकती है।

गौर करने वाली बात यह है कि शहर में जितनी संख्या में बेघर लोग मौजूद हैं, उतनी संख्या में आश्रय गृहों में बेड उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बेघर लोगों को यह तक जानकारी नहीं है कि आश्रय गृह कहां स्थित हैं। इसी कारण वे दिनभर जिस इलाके में काम करते हैं, रात में भी वहीं खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर होते हैं।

हालांकि कुछ सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन बेघर लोगों को कंबल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, लेकिन यह मदद जरूरत के मुकाबले नाकाफी साबित हो रही है। वहीं सरकारी तंत्र की ओर से यह कहा गया है कि दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में बेघर लोगों के बीच कंबल का वितरण किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि ठंड के इस दौर में राहत कितनी समय पर और कितनी प्रभावी साबित होती है।

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